धौलपुर

जिले में कितने वन्यजीव…जानने विभाग की गणना प्रारंभ

वन विभाग ने बुधवार सुबह 8 बजे से वनजीवों की गणना प्रारंभ कर दी है। जो आज सुबह 8 बजे यानी 24 घंटे तक चलेगी। विभाग जिले के चिह्नित 42 पानी के श्रोतों पर वन्यजीवों की गणना करेगा। इस दौरान वन्य कर्मी मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गणना करेंगे। गणना के लिए विभाग ने लगभग 84 कर्मियों को तैनात किया है।

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-वन विभाग जिले के 42 प्वाइंटों पर करा रहा वन्यजीवों की गणना

-24 घंटे चलने वाली गणना में वनकर्मी मचान पर बैठ गिनेंगे वन्यजीव

- पूर्णिमा की चांदनी रात को ही की जाती है वन्यजीवों की गिनती

धौलपुर.वन विभाग ने बुधवार सुबह 8 बजे से वनजीवों की गणना प्रारंभ कर दी है। जो आज सुबह 8 बजे यानी 24 घंटे तक चलेगी। विभाग जिले के चिह्नित 42 पानी के श्रोतों पर वन्यजीवों की गणना करेगा। इस दौरान वन्य कर्मी मचान पर बैठकर वन्यजीवों की गणना करेंगे। गणना के लिए विभाग ने लगभग 84 कर्मियों को तैनात किया है।

वन विभाग हर साल क्षेत्र में होने वाले वन्य जीवों की गणना करता है। इसके लिए एक समय भी निर्धारित माना जाता है। गर्मी के दिनों और पूर्णिमा की राहत को ही वन्यजीवों की गणना की जाती है। क्योंकि पूर्णिमा की राहत को वन्यजीव आसानी से देखी जा सकते हैं। इस बार भी विभाग ने बुधवार सुबह 8 बजे से वन्य जीवों की गणना प्रारंभ कर दी है। यह गणना 24 घंटे तक चलेगी। विभाग ने जिले में 42 ऐसे प्वाइंट चिह्नित किए हैं जहां पर वन्यजीवों की गणना की जा रही है। इसके लिए कैमरों तक की सहायता ली गई है, साथ ही वन्यकर्मी मचान बनाकर रातभर जीवों की गिनती करेंगे। वन्यजीव गणना वन्यजीव संरक्षण और प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। इससे विभाग को जिले में होने वाले वन्यजीवों की जानकारी रहती है। जिससे जरूरत पडऩे पर वन्यजीवों संरक्षण आसानी से किया जा सके।

वाटर हॉल पद्धति से की जाती गणना

यह गणना वाटर हॉल पद्धति से की जाती है। इस पद्धति के अनुसार वनकर्मी पानी के श्रोतों के पास बैठकर वन्यजीवों की गणना करते हैं। क्योंकि माना जाता है कि कोई भी वन्यजीव हो उसे 24 घंटे में एक बार पानी पीने की आवश्यकता जरूर होती है। इस कारण ही यह गणना पानी के श्रोतों पर की जाती है। इस स्थिति में कर्मी वन्यजीवों और उनके पगों को देखकर उनकी गिनती करते हैं।सभी ब्लॉकों में बनाए गए प्वाइंट

गणना जिले के सभी ब्लॉकों में की जा रही है। गणना के बाद सभी चिह्नित 42 प्वाइंटों के आंकड़ों को वन विभाग के जिला कार्यालय में लाया जाएगा। जिसके बाद सभी प्वाइंटों के आंकड़ों को अलग-अलग वन्यजीवों के हिसाब से अलग कर जोड़ा जाएगा। जिसके बाद विभाग के वन्यजीवों की सही स्थिति पता चलेगी। पिछली बार की गणना में सबसे अधिक नीलगाय, जंगली सुअर और लैपर्ड शामिल थे।

पिछले वर्ष देखे गए थे पांच बाघ

2024 में हुई वन्यजीव गणना में बाघों सहित कई वन्य जीव देखे गए थे। जिले में तब पांच बाघ देखे गए। जिनमें से दो वयस्क और तीन शावक थे, जो सरमथुरा क्षेत्र में विचरण कर रहे थे। इसके अतिरिक्त धौलपुर-करौली क्षेत्र में टी-2303 नामक एक मादा बाघ भी देखी गई थी। धौलपुर में अन्य वन्यजीवों में 500 से अधिक जंगली सूअर, 9 लेपर्ड, 490 सियार, 48 जरख, 15 जंगली बिल्ली, 33 लोमड़ी, 13 भेडिय़ा, 12 भालू, 1 छोटा बिज्जू, 2 बड़े बिज्जू, 3 कवर बिज्जू, 16 चीतल हिरण, 4 सांभर हिरण, 574 नीलगाय, 488 जंगली सूअर, 20 सेही, 530 मोर, 32 घडिय़ाल और 64 मगरमच्छ शामिल थे।

जिले में बुधवार सुबह 8 बजे से वन्यजीव गणना प्रारंभ हो गई है, जो गुरुवार सुबह 8 बजे तक चलेगी। गणना के लिए जिले में 42 प्वाइंट निर्धारित किए गए हैं। जिनमें गणना के लिए 84 वन्यकर्मियों की तैनाती की गई है।

-वी चेतन कुमार, डीएफओ धौलपुर

Published on:
12 Jun 2025 06:43 pm
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