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धौलपुर. जिला परिषद सभागार में गुरुवार को हुई साधारण सभा की बैठक में जिला प्रमुख सहित अन्य जनप्रतिनिधि विद्युत निगम तथा चिकित्सा विभाग अधिकारियों पर खूब बरसे। उन्होंने कहा कि किसान ट्रांसफॉर्मर फुंकने के बाद टै्रक्टर लेकर नए ट्रांसफॉर्मर के लिए निगम अधिकारियों के चक्कर लगाते रहते हैं, लेकिन उन्हें टरका दिया जाता है। यही कारण है कि जिले में सबसे अधिक बिजली चोरी हो रही है।
इतना ही नहीं किसानों को निगम की ओर से ट्रैक्टर लाने-ले जाने का निर्धारित खर्चा तीन सौ रुपए भी किसानों को नहीं दिया जाता है। इस पर निगम अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए।
इस पर जिला प्रमुख डॉ. धर्मपालसिंह ने निगम अधिकारियों से अब तक टै्रक्टर लाने वाले उपभोक्ताओं को दी गई राशि का विवरण मांगा है।
एक सदस्य ने बताया कि जाखी फीडर को शराब का अड्डा बनाया हुआ है, समाजकंटक रात को लाइट काट देते हंै। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कानाराम ने सभी अधिकारियों को समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
दंत चिकित्सक लिख रहे दस्त की दवा
जिला प्रमुख ने कहा कि राजाखेड़ा में दंत चिकित्सक को बुखार-दस्त की दवा लिखने में लगाया हुआ है। इस कारण मरीजों को दंत चिकित्सक का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
वहां पर छह लाख रुपए कीमत की चेयर खरीदी गई है, लेकिन कोई उपयोग नहीं हो रही है। जिला कलक्टर ने जब दंत चिकित्सक द्वारा अब देखे मरीजों का आंकड़ा पूछा तो चिकित्सा अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए।
वहीं जिला प्रमुख ने आरएमएस की राशि से सफाईकर्मी लगाकर स्वास्थ्य केन्द्रों को स्वच्छ रखने के निर्देश दिए।
शौचालय का उपयोग नहीं तो वसूल होगी राशि
बैठक में आई जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कहा कि जो पंचायतें ओडीएफ हो चुकी हैं, उनमें अगर कोई शौचालय का उपयोग नहीं कर रहा है तो उसकी प्रोत्साहन राशि वापस वसूल की जाएगी।
इस पर कई सदस्यों ने कहा कि आधे से अधिक उपयोग कर रहे हैं, इस पर कलक्टर ने कहा कि आधे नहीं पूरे करने चाहिए, नहीं तो पंचायत छह माह में फिर से ओडीएफ से बाहर हो जाएगी। उन्होंने प्रमुख तथा धौलपुर प्रधान सहित सदस्यों को गांवों में लोगों को शौचालय की आदत डालने के लिए दौरा करने की बात कही।
दो साल में सदस्य का कनेक्शन नहीं
जिला परिषद सदस्य कविता ने बताया कि दो साल निगम उनका घरेलू कनेक्शन नहीं कर पाया है। इस पर जिला प्रमुख ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब सदस्य का बिजली कनेक्शन नहीं हुआ तो आम जनता का क्या होता होगा।
अधिकारी नहीं आने का उठा मुद्दा
जिला परिषद बैठक में एक बार फिर से अधिकारियों के बैठक में नहीं आने का मुद्दा उठा। जिला प्रमुख ने कहा कि पंचायत राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ के आदेश के बाद भी अधिकारी न तो जिला परिषद की बैठक में आए हैं और ना हीं पंचायत समिति की बैठक में पहुंचे।
इसे गंभीरता से लेकर जिला कलक्टर ने अनुपस्थित अधिकारियों की सूची मांगी और कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
अधिकारी की बात करते हो, नेता ही नहीं आते
जिला परिषद सदस्य किरोरीलाल ने कहा कि सभी सदस्य अधिकारियों के नहीं आने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन बैठकों में पूरे जनप्रतिनिधि ही नहीं आते हैं। कुल २३ जिला परिषद सदस्यों में से मात्र १२ पहुंचे। वहीं पांच प्रधानों में से एक मात्र धौलपुर प्रधान उपस्थित हुए हैं, जबकि चारों विधायकों में से एक भी नहीं आया है। इस पर जिले की समस्याओं को कैसे उठाएंगे।
अब जिले के बाहर होगी बैठक
बैठक में प्रस्ताव लिया कि जिला परिषद की बैठक अब हर पंचायत समिति मुख्यालय पर होगी। इस दौरान जिले के सभी अधिकारी आएंगे।
जिला प्रमुख के इस प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। बैठक के बाद ही जनसुनवाई भी की जाएगी। जिससे सदस्यों और लोगों को परेशानी नहीं होगी।
3147 लाख के प्रस्तावों का अनुमोदन
बैठक में वर्ष २०१७-१८ तथा २०१८-१९ के लिए डांग विकास योजना में क्रमश: १७४२ लाख तथा १४०५ लाख रुपए के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया।
Published on:
25 May 2017 09:07 pm
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