
Non Sugar Sweeteners is harmful
Non Sugar Sweeteners: अगर आप भी चीनी की जगह नॉन शुगर स्वीटनर्स का सेवन करते हैं तो आपके लिए सावधान होने का समय है क्योंकि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की ओर से नॉन शुगर स्वीटनर्स को लेकर सिफारिशें जारी की गई हैं। डब्ल्यूएचओ ने गैर-चीनी मिठास (NSS) उत्पादों को न लेने की सलाह दी है।
इस मामले में डब्ल्यूएचओ का साफ-साफ कहना है कि जो लोग चीनी या गुड़ जैसे फ्री शुगर (suger free) की जगह नॉन शुगर स्वीटनर्स का इस्तेमाल यह सोचकर करते हैं कि ये फायदेमंद हैं तो वे जान लें कि एनएसएस शरीर का वजन घटाने या डायबिटीज जैसे रोगों को कंट्रोल करने का काम नहीं करते हैं, उल्टा इनके ज्यादा इस्तेमाल से नॉन कम्यूनिकेबल डिजीज जैसे टाइप टू डायबिटीज (artificial sweeteners bad for diabetics), कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और युवाओं में मृत्यु दर बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉक्टर के मुताबिक, आर्टिफिशियल मिठास या नॉन शुगर स्वीटनर्स पहले से टाइप टू या टाइप वन डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के अलावा अन्य सभी को भी प्रभावित करती है।
क्या होता है नॉन शुगर स्वीटनर्स?
आजकल कई प्रकार के आर्टिफिशियल स्वीटनर्स रोजाना के आम जीवन में लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जैसे कि चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक, बाजार में मिलने वाले चॉकलेट या सोया शेक, पैक्ड जूस, केक आदि। ये दिशानिर्देश विशेष रूप से इस प्रकार के कृत्रिम रूप से मीठे उत्पादों की तेजी से बढ़ रही खपत को रोकने के लिए जारी किए गए हैं।
ऐसा देखा गया है कि लोग चीनी से बनी चीजों को तो छोड़ रहे हैं लेकिन इन नॉन शुगर स्वीटनर्स या इनसे बनी चीजों का सेवन इस धारणा के साथ ज्यादा कर रहे हैं कि ये चीनी उत्पादाों से बेहतर हो सकते हैं। लोग ऐसा मानते हैं कि इससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। साथ ही यह मोटापा घटाने में भी कारगर है।
डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के अनुसार चीनी हो या बिना चीनी वाले मीठे कोई भी खाद्य पदार्थ का सेवन ही कम कर देना चाहिए। डॉक्टर भी इसके कम उपयोग की सलाह देते हैं।
Updated on:
15 Jul 2023 03:51 pm
Published on:
15 Jul 2023 03:50 pm
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