
Best Crash Diet For Fast Weight Loss
17 लाख भारतीय हर वर्ष जान गंवा देते हैं डाइट रिस्क व वजन स्तर के चलते होने वाली बीमारियों से।
‘स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट रिपोर्ट 2022’ के अनुसार
Best Crash Diet For Fast Weight Loss : क्रैश डाइट (Crash diet) कम समय में जल्दी वजन घटाने का तरीका है। इसमें बहुत कम (यानी 900 से भी कम) कैलोरी आहार लेने की सलाह दी जाती है। यह लंबे समय तक के लिए नहीं है, क्योंकि लंबे समय तक लेने के नुकसान हैंं। क्रैश डाइट में बनाना डाइट, एग डाइट और कैबेज सूप डाइट दी जाती हैं।
Who should not take कौन नहीं लें?
1) किशोर-किशोरियां। 2) गर्भवती महिलाएं। 3) बुजुर्ग। 4) डायबिटीज, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय विकार जैसी चिकित्सीय स्थितियों और समस्याएं वाले रोगियों को भी इससे बचना चाहिए।
take it safely इसे सुरक्षित रूप से ऐसे लें
- पोषण विशेषज्ञ की देखरेख में करने की सलाह दी जाती है।
- एक क्रैश डाइट चुनें जो करने योग्य हो- यदि केवल एक दिन में केला खाना आपको पसंद नहीं है तो सूप शामिल करें जो अधिक पोषण देगा।
- रिफाइंड शुगर जैसे केक, पेस्ट्री, डोनट्स, केचप, डिप्स, कैंडीज और चॉकलेट्स का सेवन कम करें।
- कम कैलोरी, पोषक तत्त्वयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, बेबी गाजर, खीरा, अनसाल्टेड नट्स (सीमित मात्रा में), आधा - कप सादा दही, दही के साथ घर पर पके हुए वेजी चिप्स और ग्रीन टी का सेवन करें।
- वजन कम करना जरूरी नहीं हो तो 1200-1500 कैलोरी आहार लें।
- इसके साथ शराब लेने से शरीर में ग्लूकोज असंतुलन की आशंका।
Before starting Crash diet शुरू करने से पहले
- यह गणना कर लें कि किसी विशेष आयोजन से पहले आपके पास कितने दिन हैं। अगर एक माह का समय है तो पोषण विशेषज्ञ की देखरेख में 1200-1500 कैलोरी आहार लें।
- यदि आप एक नई मां हैं, आपकी सर्जरी हुई है, 30 से अधिक बीएमआइ है, एंटीडिप्रेसेंट या अन्य कोई दवा लेते हैं, आयु 50 वर्ष से अधिक है तो किसी पोषण विशेषज्ञ या डॉक्टर से जरूर बात करें।
Benefits of dieting डाइटिंग के फायदे
1) तुरंत वजन घटता है।
2) कुछ सर्जरी से पहले अच्छा हो सकता है, लेकिन इसमें डॉक्टर से अनुमति लेनी चाहिए।
3) कुछ चिकित्सीय जटिलताओं के लिए अच्छा है।
Disadvantages of dieting डाइटिंग के नुकसान
1) क्रैश डाइट (Crash diet) सभी पर्याप्त पोषक तत्त्वों से वंचित होती है यानी यह संतुलित आहार नहीं है।
2) यह पर्याप्त ऊर्जा प्रदान नहीं करती है। कमजोरी, थकान और नींद हमेशा बनी रहती है।
- दीपाली वागरेचा, न्यूट्रिशनिस्ट, मुंबई
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
11 Aug 2023 11:46 am
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