
दिल संबंधी रोग कई रोगों का समूह है। ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल स्तर और तनाव के कारण दिल को रक्त की आपूर्ति करने वाली वाहिकाओं (वेसल्स) का क्षतिग्रस्त होना इसके सामान्य कारण हैं। दिल संबंधी रोग 60 तरह के होते हैं, पर इनमें प्रमुख है-
दिल धमनी रोग: दिल को रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियों का क्षतिग्रस्त होना।
एंजाइना पेक्टोरिस: दिल को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति ना होने से छाती में दर्द, कड़ापन व बेचैनी।
कार्डियोमायोपैथी: ब्लड पम्प करने वाली दिल की मसल्स कमजोर होना।
जन्मजात दिल संबंधी रोग: दिल की बनावट व कार्यप्रणाली में जन्मजात दोष।
कार्डियक अतालता: दिल को अनियमित इलेक्ट्रिक आवेग मिलने के कारण दिल तेजी से धड़कने (टेकीकार्डिया) या धीमे धड़कने (ब्रेडीकार्डिया) लगता है।
कंजेस्टिव और हार्ट फेल्यूर: जब दिल क्षमता के साथ ब्लड पम्प नहीं करता तो हार्ट अटैक हो जाता है।
एट्रियल फिब्रिलेशन: तेजी से इलेक्ट्रिक आवेग के कारण दिल की धड़कन और तंतु गड़बड़ाना।
हार्ट सूजन: वायरल इन्फेक्शन के कारण हार्ट टिश्यू क्षतिग्रस्त होना।
मायोकार्डियल इन्फेक्शन: ब्लड वेसल्स के सिकुड़ने के कारण दिल को रक्त सप्लाई रूक जाने से हार्टअटैक।
इस्कीमक दिल रोग: ब्लड वेसल्स में आंशिक रूप से बाधा होने पर दिल को कम रक्त मिलने के कारण हार्टअटैक या अन्य दिल संबंधी रोग।
दिल संबंधी रोग के लक्षण
दिल संबंधी रोग को साइलेंट किलर कहते हैं, क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ता है। इसके प्रारंभिक लक्षण हैं- सांस लेने में तकलीफ, चेस्ट पेन, पैरों में सूजन, ठंडा पसीना, थकान। ऎसा हो तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें और ब्लड टेस्ट, एक्सरे और ईसीजी करवाएं।
उपचार के सामान्य उपाय
दिल संबंधी रोग का मुख्य कारण है ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन, स्मोकिंग, हाई कोलस्ट्रॉल, मोटापा, अत्यधिक लिपिड स्तर। नियमित रूप से सामान्य एक्सरसाइज करें यानी शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। हैल्दी फूड्स का सेवन करें।
खाएं ये हेल्दी फूड
अनार
धमनियों में परतों को रोकता है। रक्त में नाइट्रिक ऑक्साइड को उत्तेजित करता है, जिससे धमनियां नहीं सिकुड़ती। ब्लड प्रेशर भी लो रहता है।
चिया सीड
इसमें फाइबर और एल्कोलिक एसिड है, जो ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल व ट्राइग्लिसराइट्स को नियंत्रित करता है।
टमाटर
इसका लाल रंग एंटीऑक्सीडेंट है, जो बेड कोलेस्ट्रॉल में ऑक्सीडेंट घटाता है। धमनियों की दीवारों की भी केयर करता है।
लहसुन
दिल के लिए सबसे बेहतर है लहसुन। यह इन्फेक्शन व कैंसर प्रतिरोधक भी है। लहसुन में एलीसिन, जो कोलेस्ट्रॉल घटाता है। क्लाट्स नहीं होने देता और ब्लड प्रेशर की भी केयर करता है।
सेब
एक सेब रोज खाओ, डाक्टर से दूर रहो, इस किंवदंती का कारण है, सेब में पेक्टिन जो कोलेस्ट्रॉल घटाता है और धमनियों को खुला रखता है।
दालचीनी
प्रतिदिन एक चाय चम्मच दालचीनी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल लेवल घटता है। यह एंटीआक्सीडेंट की जरूरत भी पूरी करती है।
सोया
यह सेच्यूरेटेड फेट और ब्लड कोलेस्ट्रॉल घटाता है। 25 ग्राम सोया प्रोटीन का रोज सेवन करें हाई कोलेस्ट्रॉल घटेगा।
हरी सब्जियां
इनमें सबसे ज्यादा एंटीआक्सीडेंट्स है, जो कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाते हैं। हरी सब्जियों में फाइबर, फोलेट और पोटेशियम भी है, जो ब्लड में शामिल एमिलो एसिड का स्तर घटाता है।
फलियां
फलियां फाइबर का प्रमुख स्त्रोत है। इनमें ही सबसे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली घुलनशील फाइबर है। सप्ताह में 5 बार फलियों का अवश्य सेवन करें।
हल्दी
इसमें करक्यूमिन है, जो दिल की केयर करता है। यह धमनियों में फेटी एसिड्स भी घटाता है।
अखरोट, काजू-बादाम
लो फेट खाद्य पदार्थो से दोगुना हैल्दी सेचूयूरेटेड फेट्स का स्त्रोत है, ये ड्राय फ्रूट्स। इनमें विटामिन-ई, मेग्नेशियम, कॉपर और फायटोकेमिकल्स है, जो हार्ट को हैल्दी रखते हैं। जॉइंट्स के लिए भी फायदेमंद है ये सूखे मेवे। कई शोधों में साबित हो गया कि ड्राय फू्रट्स दिल की रक्षा करने में मददगार होते हैं। इसके अलावा योग करें, स्मोकिंग छोड़ें और निष्क्रिय ना रहें, दिल रोग से बचे रहेंगे।
Published on:
31 Mar 2015 02:59 pm
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