6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मूली के साथ भूलकर भी न करें दूध का सेवन, बन जाएगा जहर

बरतें सावधानी : दो घंटे बाद करें सेवन, भोजन के दो घंटे बाद गुनगुना दूध पीएं ।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Vikas Gupta

Sep 08, 2019

मूली के साथ भूलकर भी न करें दूध का सेवन, बन जाएगा जहर

बरतें सावधानी : दो घंटे बाद करें सेवन, भोजन के दो घंटे बाद गुनगुना दूध पीएं ।

दूध स्वास्थ्य के लिहाज से पौष्टिक माना जाता है। आयुर्वेद में इसे पूर्ण आहार का दर्जा दिया गया है। आमतौर पर लोग इसका किसी भी वक्त और किसी भी चीज के साथ सेवन कर लेते हैं। लेकिन इसे पीने से पहले कुछ बातों का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए।

त्वचा रोगों की आशंका-
दूध को कभी भी नमकीन और खट्टी चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए। इसके अलावा यदि किसी खाद्य पदार्थ में मूली का प्रयोग किया गया है तो इसके तुरंत बाद दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से दूध विषैला हो सकता है साथ ही त्वचा संबंधी रोग होने की आशंका रहती है। मूली से बनी चीजें खाने के कम से कम दो घंटे के बाद ही दूध पिएं।

सही तरीका -
वयस्क लोगों को रात के खाने के करीब दो घंटे बाद ही गुनगुना दूध पीना चाहिए। जिन्हें एसिडिटी की समस्या है वे गुनगुने की बजाय सामान्य तापमान का दूध पी सकते हैं। कई बार लोग नाश्ते के साथ भी इसे लेते हैं। ऐसा करने से परहेज करें क्योंकि सुबह के समय इसे लेने से कफ संबंधी परेशानी हो सकती है। फिर भी लेना चाहते हैं तो इसे इलायची या थोड़ी अदरक के साथ उबालकर गुनगुना पिएं। बच्चों के लिए ये पूर्ण आहार माना जाता है इसलिए उन्हें उनकी इच्छानुसार दिनभर में कभी भी दे सकते हैं। लेकिन भोजन के बाद इसे दो घंटे के अंतराल में ही दें।

फैट-फ्री दूध-
डायबिटीज, ब्लड प्रेशर व हृदय संबंधी रोगों से प्रभावित मरीजों के लिए फैट-फ्री दूध बेहतर है। मोटे लोग जो जिम में घंटों वजन घटाने मेहनत करते हैं, उनके लिए भी फैट-फ्री दूध फायदेमंद है। इससे उन्हें दूध से फैट (वसा) नहीं मिलता शरीर को सभी पोषक तत्त्व जैसे प्रोटीन व कैल्शियम मिलते रहते हैं।

ध्यान रहे-
जो लोग शारीरिक श्रम अधिक करते हैं या कमजोर हैं और वजन बढ़ाना चाहते हैं, वे दूध को फैट यानी वसा के साथ लें। बच्चों को फैट यानी मलाई के साथ दूध दें क्योंकि यह उनके शारीरिक विकास में मददगार है।