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FITNESS MANTRA : बुजुर्गों को मानसिक, शारीरिक मजबूती देता फैमिली सपोर्ट

बुजुर्गों के लिए पौष्टिक खानपान के साथ सक्रिय गतिविधि भी जरूरी है। इसके लिए क्षमतानुसार वॉक, योग व हल्की एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है। हाल ही फ्रांस में हुई एक रिसर्च के मुताबिक ऐसे बुजुर्ग जिन्हें पारिवारिक सपोर्ट ज्यादा मिलता है वे अधिक स्वस्थ व दीर्घायु होते हैं। जानते हैं बुजुर्गों की सेहत के बारे में-

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FITNESS MANTRA

60 की उम्र बाद भी रखें पौष्टिकता वाली डाइट
अक्सर लोग यह मानते हैं कि 60 की उम्र के बाद बुजुर्गों को पौष्टिक खानपान की जरूरत नहीं होती है। लेकिन सच है कि इस उम्र में उन्हें संतुलित व पौष्टिक आहार की ज्यादा जरूरत होती है। आहार में प्रोटीन, कैल्शियम की ज्यादा जरूरत होती है। आहार में फाइबर वाली चीजें लें। थोड़ा-थोड़ा कर पांच बार खाएं। यदि पाचन में कोई दिक्कत है तो चिकित्सक की सलाह से डायटीशियन की मदद ले सकते हैं।
शारीरिक गतिविधि
75-150 मिनट सप्ताह में योग व वॉक बुजुर्गों की सेहत के लिए जरूरी माना जाता है। नियमित हल्का व्यायाम शारीरिक गतिविधि बनाए रखेगा। जोड़ों के दर्द में पालथी से न बैठें। इंडियन टॉयलेट का प्रयोग न करें।
अपने मन से दवा न लें
बीमार हैं तो दवाएं तय समय पर बताई गई खुराक में लें। साथ में अन्य दिक्कत हो तो अपने मन से दवाएं न लें।
तो बीमारियों से भी बचेंगे
पा रिवारिक सपोर्ट के अभाव में बुजुर्ग माता-पिता अकेलापन महसूस करते हैं। इसके शारीरिक-मानसिक दुष्प्रभाव भी होते हैं। ऐसे बुजुर्ग जिन्हें अनसुना किया जाता है उनमें तनाव व डिप्रेशन व भूलने की समस्या ज्यादा होती है। वे बीमारियों की चपेट में भी जल्दी आते हैं। उधर, परिवार का साथ पाने वाले बुजुर्ग ज्यादा फिट रहते हैं।
- डॉ. अविनाश चक्रवर्ती, एसोसिएट प्रोफेसर, जेरियाट्रिक मेडिसिन डिपार्टमेंट, एम्स, नई दिल्ली