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20 साल से कम उम्र वालों को नहीं लेने चाहिए प्रोटीन सप्लीमेंट, रोज लेने से भी बचें

प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग आमतौर पर वजन घटाने-बढ़ाने या मसल्स विकसित करने के लिए होता है। पहले इसका उपयोग जिम जाने वाले या बॉडी बिल्डर्स ही करते थे। लेकिन अब इसका उपयोग सामान्य रूपों में बिना डॉक्टरी सलाह के भी ज्यादा मात्रा में हो रहा है। इसे सबसे ज्यादा किशोर-युवा ही ले रहे हैं। इससे कुछ नुकसान भी हैं।

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protein supplements : प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग आमतौर पर वजन घटाने-बढ़ाने या मसल्स विकसित करने के लिए होता है। पहले इसका उपयोग जिम जाने वाले या बॉडी बिल्डर्स ही करते थे।

कितना प्रोटीन रोजाना जरूरी

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, रोज अपने वजन के हिसाब से 0.8 से 1 ग्राम प्रति किग्रा प्रोटीन पर्याप्त है। यानी 50 किग्रा वजन है तो 50 ग्राम प्रोटीन चाहिए। पारंपरिक भोजन से इसकी पूर्ति हो सकती है। एक कटोरी दाल में करीब 10 ग्राम प्रोटीन जबकि 8-10 बादाम में 12 ग्राम प्रोटीन होता है। साथ ही इनमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन आदि भी मिलते हैं।

04 हजार करोड़ रुपए का है प्रोटीन सप्लीमेंट्स का बाजार देश में जो 2027 तब 20 फीसदी और बढ़ जाएगा।

प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग आमतौर पर वजन घटाने-बढ़ाने या मसल्स विकसित करने के लिए होता है। पहले इसका उपयोग जिम जाने वाले या बॉडी बिल्डर्स ही करते थे। लेकिन अब इसका उपयोग सामान्य रूपों में बिना डॉक्टरी सलाह के भी ज्यादा मात्रा में हो रहा है। इसे सबसे ज्यादा किशोर-युवा ही ले रहे हैं। इससे कुछ नुकसान भी हैं।

क्यों किशोर नहीं लें
सामान्य रूप से शरीर का विकास 20 वर्ष की उम्र तक होता है। इस समय हर तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है जबकि प्रोटीन सप्लीमेंट्स कुछ खास विशेष लोगों की जरूरतों की पूर्ति के लिए हैं। ऐसे में अगर कोई कम उम्र में लेता है तो उसके शरीर में दूसरे पोषक तत्वों की कमी हो सकती, ठीक विकास नहीं होगा।

प्रोटीन का चलन, हार्ट तक असर

ज्यादा प्रोटीन लेने से शरीर मेें कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। किडनी, हार्ट और लिवर पर असर पड़ता है। इसे नियमित लेने से व्यक्ति दूसरे पोषक तत्वों पर ध्यान नहीं देते हंै जिसके चलते शरीर में दूसरे पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। कम उम्र में शरीर अंदर से खोखला होने लगता है।

नुकसान कैसे होता
प्रोटीन सप्लीमेंट्स पचने के बाद शरीर में अमोनिया बनाता है। अमोनिया को शरीर यूरिया में बदलता है जो यूरिन के रास्ते बाहर निकलता है। जब अमोनिया को यूरिया में बदलने वाले एंजाइम में परेशानी होती है तो यूरिया साइकल डिसऑर्डर होता है। इसमें व्यक्ति का ब्रेन भी डैमेज हो सकता है।

हैवी मेटल्स हैं खतरा
नेचुरल प्रोटीन सप्लीमेंट्स सप्ताह में एक-दो बार ले सकते हैं। लेकिन कुछ कंपनियों के प्रोटीन सप्लीमेंट्स में आर्सेनिक, पारा, लैड आदि हैवी मेटल्स होते हैं जिनसे हार्ट, किडनी और लिवर जैसे प्रमुख अंग डैमेज हो जाते हैं। बाजार में नकली और मिलावटी भी प्रोटीन सप्लीमेंट्स भी बहुत हैं। इन्हें बिल्कुल न लें।

प्रोटीन शेक ले रहे तो ध्यान रखें

- प्रोटीन शेक ले रहे हैं तो नियमित न लें। सप्ताह में दो-तीन दिन ही लें। दूसरे सप्लीमेंट पर भी पूरा ध्यान रखें।
- प्रोटीन सप्लीमेंंट की जगह डेयरी प्रोडक्ट, अंकुरित अनाज, दालें, अंडा, नॉनवेज लें। इनमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं।
- नेचुरल प्रोटीन सप्लीमेंट ही लें। कुछ प्रोटीन सप्लीमेंट्स में स्टेराइॅड्स, प्रिजर्वेटिव्स, रंग, मिठाई, अरोमा आदि भी मिलाते हैं। इनसे नुकसान होता है।
- कोशिश करें कि इनको लेने से पहले अपने फिजिशियन या डायटीशियन से भी चर्चा कर लें।
- आप चाहें तो कई तरीके हैं जिन्हें डायटीशियन से सीखकर घर में खुद भी प्रोटीन सप्लीमेंट तैयार कर सकते हैं।

संतुलित आहार है जरूरी
प्रोटीन शरीर के लिए प्रमुख है लेकिन इसके साथ अन्य पोषक तत्व भी जरूरी होते हैं। संतुलित आहार पर ध्यान दें।

डॉ. सुनील वर्मा, सीनियर
फिजिशियन, लखनऊ