
हाई ब्लड शुगर लेवर शरीर को कई तरह की बीमारियों से ग्रस्त कर देता है। डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है। डायबिटीज से दिल, किडनी और आंखों जैसे कई महत्वपूर्ण ऑर्गन पर फर्क पड़ता है। इसलिए इस बीमारी से बचना और बीमारी हो जाने के बाद उसे कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।
Pre-diabetes Risk- प्री-डायबिटीक से होने वाले खतरे
प्री डायबिटीज़ स्टेज में ब्लड शुगर को नियंत्रित नहीं किया जाए तो बहुत जल्दी यह टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) में बदल जाता है और डायबिटीज बढ़ते ही तमाम अन्य गंभीर बीमारियां भी शरीर को घेर लेती हैं।
Pre Diabetes Symptoms - प्री डायबिटीज के लक्षण
Pre Diabetes Control Tips- प्री डायबिटीज को कंट्रोल करने के टिप्स
1. मीठी चीजों से परहेज
चीनी या इससे बनी चीजें डाइट से हटा दें। चीनी और रिफाइंड चीजें टाइप 2 डायबिटीज और दिल के रोगों का रिस्क बढ़ा देती हैं। प्राकृतिक चीनी के विकल्प स्टिवीया का प्रयोग करें लेकिन ये भी कम मात्रा में।
2. एक्सरसाइज और शारीरिक गतिविधियों बढ़ा दें
अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते तो शुरू कर दें और अगर 30 मिनट एक्सरसाइ करते रहे हैं तो कम से कम बढ़ाकर इसे 45 मिनट या एक घंटा कर दें।
3. इन सब्जियों का खाना कर दें शुरू
करेला, मेथी, पुदीना, बेंगन, गाजर, मूली जैसी सब्जियां कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। इन्हें खाने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है। इन सब्जियों के अलावा कुछ आयुर्वेदिक हर्ब्स जैसे त्रिफला, नट ग्रास, हिमालयन सीडर का भी सेवन जरूर करें। इनमें एंटी डायबिटिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोकते हैं।
4. शराब और धूम्रपान बंद कर दें
शराब का सेवन करने से और धूम्रपान करने से इंसुलिन फंक्शन के बंद होने का रिस्क बढ़ता है। इन्सुलिन कार्बोहाइड्रेट को ब्रेक करके ग्लूकोज में बदलता है जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित होती है। अगर कोई हाई शुगर लेवल से जूझ रहा है तो उन्हें पूरी तरह से शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए। सिगरेट, तंबाखू की किसी भी चीज का रोजाना सेवन करना काफी हानिकारक हो सकता है।
5. अच्छी नींद लें
अगर पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं तो इसका अर्थ है आप इंसुलिन रेजिस्टेंस के रिस्क में आ सकते है। चैन की नींद न सोना या फिर नींद पूरी न करने के कारण पूरा दिन थकान महसूस होती है और हमें कमजोरी महसूस होती रहती है। इस कारण हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। इससे ब्लड शुगर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि रोजाना 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
Published on:
05 Apr 2022 02:39 pm
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