हाई ब्लड प्रेशर के कारण-Causes of high BP 1. अतिरिक्त शुगर
अगर आपको लगता है कि अधिक नमक से ही हाइपरटेंशन का खतरा होता है तो आपको जान लेना चाहिए कि अधिक चीनी भी बीपी को बढ़ाता है। दो हफ्ते तक हाई-शुगर डाइट पर रहे तो इससे उसके लोअर और हायर दोनों तरह के ब्लड प्रेशर बढ़ सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि अधिक नमक से ही हाइपरटेंशन का खतरा होता है तो आपको जान लेना चाहिए कि अधिक चीनी भी बीपी को बढ़ाता है। दो हफ्ते तक हाई-शुगर डाइट पर रहे तो इससे उसके लोअर और हायर दोनों तरह के ब्लड प्रेशर बढ़ सकते हैं।
2. स्लीप एपनियां
स्लीप एपनिया भी हाई बीपी का कारण हो सकती है। स्लीप एपनिया में कई बार सांस लेने में गड़बड़ी होती है और सांस कुछ पलों के लिए रुकी रहती है। इससे तेजी से बीपी बढ़ता है। नींद में लगातार खलल पड़ने के कारण स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से धमनियों (आर्टरीज) की दीवार क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
स्लीप एपनिया भी हाई बीपी का कारण हो सकती है। स्लीप एपनिया में कई बार सांस लेने में गड़बड़ी होती है और सांस कुछ पलों के लिए रुकी रहती है। इससे तेजी से बीपी बढ़ता है। नींद में लगातार खलल पड़ने के कारण स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऑक्सीजन की कमी की वजह से धमनियों (आर्टरीज) की दीवार क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
3. पोटैशियम की कमी
सोडियम की अधिकता से बीपी बढ़ता है, लेकिन अगर शरीर में पोटेशियम की कमी हो तो भी बीपी बढ़ने लगता है। शरीर में फ्लूड की मात्रा को रेग्युलेट करने के लिए किडनी को सोडियम और पोटैशियम की सही मात्रा चाहिए होती है लेकिन जब सोडियम अधिक और पोटेशियम कम मिलता है तो इससे बीपी तेजी से बढ़ता है। पोटैशियम के लिए केला, बींस, ब्रोकली, पालक व अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां, चेस्टनट, लो फैट डेरी प्रोडक्ट खाना चाहिए।
सोडियम की अधिकता से बीपी बढ़ता है, लेकिन अगर शरीर में पोटेशियम की कमी हो तो भी बीपी बढ़ने लगता है। शरीर में फ्लूड की मात्रा को रेग्युलेट करने के लिए किडनी को सोडियम और पोटैशियम की सही मात्रा चाहिए होती है लेकिन जब सोडियम अधिक और पोटेशियम कम मिलता है तो इससे बीपी तेजी से बढ़ता है। पोटैशियम के लिए केला, बींस, ब्रोकली, पालक व अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां, चेस्टनट, लो फैट डेरी प्रोडक्ट खाना चाहिए।
4. हर्बल सप्लीमेंट
कुछ जड़ी-बूटियां जैसे खुरमा (बिटर ऑरेंज), सैंट जोन्स वार्ट, इफेड्रा, जिन्कगो, जिन्सेंग और गुआराना की वजह से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। 5. थायरॉइड समस्या
थायराइड भी एक बड़ा कारण होता है बीपी को बढ़ाने में। अगर थायराइड कंट्रोल नहीं तो इससे हार्ट रेट कम हो जाता है और धमनियां सख्त हो जाती हैं। इससे लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाता है और धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। वहीं, अगर जब बहुत ज्यादा थायरॉइड हार्मोन्स रीलीज करता है तो इससे दिल की धड़कन बढ़ ताजी है, यह तेजी से काम करता है और फिर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
कुछ जड़ी-बूटियां जैसे खुरमा (बिटर ऑरेंज), सैंट जोन्स वार्ट, इफेड्रा, जिन्कगो, जिन्सेंग और गुआराना की वजह से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। 5. थायरॉइड समस्या
थायराइड भी एक बड़ा कारण होता है बीपी को बढ़ाने में। अगर थायराइड कंट्रोल नहीं तो इससे हार्ट रेट कम हो जाता है और धमनियां सख्त हो जाती हैं। इससे लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ जाता है और धमनियां सिकुड़ने लगती हैं। वहीं, अगर जब बहुत ज्यादा थायरॉइड हार्मोन्स रीलीज करता है तो इससे दिल की धड़कन बढ़ ताजी है, यह तेजी से काम करता है और फिर ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
6. डीहाइड्रेशन
शरीर की कोशिकाओं में पानी की कमी होने लगती है तो पिट्यूरी ग्रंथि सिकुड़ने के लिए एक कैमिकल को रिलीज करती है और इससे रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेजल्स) संकुचित होने लगती हैं। इस कारण किडनी यूरिन बनाना कम कर देती है और तरल पदार्थ को आपके शरीर में सुरक्षित रख देती है। इससे दिल और दिमाग की रक्त वाहिकाएं और भी ज्यादा सिकुड़ जाती हैं।
शरीर की कोशिकाओं में पानी की कमी होने लगती है तो पिट्यूरी ग्रंथि सिकुड़ने के लिए एक कैमिकल को रिलीज करती है और इससे रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेजल्स) संकुचित होने लगती हैं। इस कारण किडनी यूरिन बनाना कम कर देती है और तरल पदार्थ को आपके शरीर में सुरक्षित रख देती है। इससे दिल और दिमाग की रक्त वाहिकाएं और भी ज्यादा सिकुड़ जाती हैं।
7. हार्मोनल बर्थ कंट्रोल्स
किसी भी तरह के हार्मोनल बर्थ कंट्रोल बीपी को भी बढ़ा सकते हैं। बर्थ कंट्रोल गोलियां , इंजेक्शन और कॉपरटी के कारण्न्य भी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हाई-ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है।
किसी भी तरह के हार्मोनल बर्थ कंट्रोल बीपी को भी बढ़ा सकते हैं। बर्थ कंट्रोल गोलियां , इंजेक्शन और कॉपरटी के कारण्न्य भी रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं और इससे हाई-ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है।
8. एंटी डिप्रेसेंट्स
मस्तिष्क के रसायनों (कैमिकल्स) जैसे नोरेपेनेफ्रिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन को लक्षित करने वाली दवाएं रक्तचाप को भी बढ़ा सकती हैं। वहीं स्मोकिंग या शराब भी बीपी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
मस्तिष्क के रसायनों (कैमिकल्स) जैसे नोरेपेनेफ्रिन, डोपामाइन और सेरोटोनिन को लक्षित करने वाली दवाएं रक्तचाप को भी बढ़ा सकती हैं। वहीं स्मोकिंग या शराब भी बीपी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।