लंबे समय तक कब्ज के कारण मल का सूखना व आंतों में संक्रमण से लसीका ग्रंथियों का आकार बढ़ना अपेंडिसाइटिस की मुख्य वजह है। भोजन में फाइबर युक्त चीजें न लेने के कारण पेट साफ नहीं हो पाता और गंदगी अपेंडिक्स में चली जाती है। जिससे इसमें संक्रमण, सूजन और दर्द की स्थिति बनती है।
पेट दर्द, उल्टी आना, जी मिचलाना और बुखार होना इसका मुख्य लक्षण है। इसके अलावा भूख न लगना, थकान व आलस और कब्ज रहने जैसी दिक्कतें भी होती हैं।
संतुलित खानपान लें व सक्रिय दिनचर्या बनाएं। फाइबर से भरपूर फल, सब्जियां, सलाद, ओट्स, दलिया, सूजी से बनी चीजें खाएं। तला-भुना व मसालेदार भोजन से परहेज करें। खूब पानी पीएं।
पेट का एक्स-रे, यूरिन और सीटी स्कैन के जरिए बीमारी का पता चलता है। इसके अलावा ब्लड टैस्ट कराकर संक्रमण की स्थिति स्पष्ट की जाती है। संक्रमण नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं लेकिन इसका एकमात्र उपचार सर्जरी है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के तहत बारीक छेद के जरिए अपेंडिक्स को निकालते हैं जिससे ज्यादा ब्लड लॉस नहीं होता।
‘नोट्स’ नेचुरल ऑरिफिक ट्रांसल्यूमिनल एंडोस्कोपिक सर्जरी) एक मिनिमल इंवेसिव सर्जरी है। इसके तहत एंडोस्कोप को मुंह या गुदाद्वार से शरीर में प्रवेश कराकर अपेंडिक्स को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में 2-3 घंटे लगते हैं। यह सुविधा मेट्रो शहरों में ही उपलब्ध है।