Alzheimer’s Symptoms: तनाव की समस्या जो धीरे-धीरे अवसाद का रूप ले लेती है। उदासीनता महसूस होना, अकेलेपन का अहसास या समाज से दूरी बना लेना, रोजमर्रा के बर्ताव में बदलाव, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना या शक की भावना का बढऩा प्रमुख है। इसके अलावा बढ़ती उम्र भी कारण है जिसके साथ व्यक्तिमें आक्रोश बढ़ जाता है।
तिल का तेल ( Herbs For Alzheimer’s )
आयुर्वेद में तिल के तेल का प्रयोग याददाश्त बढ़ाने में उपयोगी है। तिल के तेल को गुनगुना गर्म कर उसकी ३-३ बूंदें अपने नाक के दोनों नथुनों में डाल सकते हैं। सिर व पैरों के तलवों की मालिश के अलावा तेल को भोजन में भी प्रयोग कर सकते हैं।
अश्वगंधा ऐसी जड़ीबूटी है जो रोग को बढऩे से रोकती है। इसका काम दिमाग को मजबूत करना है। कई शोधों के अनुसार इससे शरीर में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स बनते हैं जो दिमागी नसों को एक्टिव रखते हुए मानसिक कार्यक्षमता बढ़ाते हैं।
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्त्व अच्छा एंटीऑक्सीडेंट्स है। रोजाना भोजन में इसके प्रयोग से या फिर दूध में चुटकीभर इसे लेने से दिमाग को ताकत मिलती है। यह दिमाग की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को रिपेयर करती है। वहीं बादाम ब्रेन के लिए हैल्दी फूड है। इसमें मौजूद विटामिन-ई याददाश्त बढ़ाने में सहायक है।
इसमें मौजूद विटामिन-ए से याददाश्त पर हुआ नकारात्मक प्रभाव कम होता है। इसे सब्जी के रूप में, जूस या हल्वे के रूप में खा सकते हैं। बुजुर्गों के लिए इसका सूप काफी फायदेमंद होता है।
बे्रन टॉनिक है शंखपुष्पी। इसके खास तत्त्व दिमागी कोशिकाओं को सक्रिय कर भूलने की समस्या दूर करते हैं। 3-6 ग्रा. चूर्ण रोज दूध के साथ पीएं।