दवाओं के बेअसर होने के कारण –
मुख्य कारण बैक्टीरिया की पहचान के आधार पर दवा न देना है। अच्छी क्वालिटी, सही तरीके से या दवा का पूरा कोर्स न लेना। एक्सपायरी या रोग की जानकारी के अभाव में कोई भी दवा लेना, बैक्टीरिया का स्वत: दवा के प्रति बेअसर होना, किसी अन्य माध्यम से शरीर में आए बैक्टीरिया का शारीरिक संरचना के अनुसार असर।
क्या सिरदर्द, पेटदर्द या एसिडिटी जैसी परेशानियों में ली जाने वाली दवाएं ड्रग रेसिसटेंस का कारण बन सकती हैं ?
नहीं, ये दवा शरीर में हुए ऐसे अंदरुनी बदलाव के लिए काम करती हैं जो किसी बैक्टीरिया से नहीं हुए हैं। इसलिए इनसे ड्रग रेसिसटेंस नहीं होता। लेकिन इन दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह लेने से निर्धारित अंग से जुड़ी समस्या पर इनका असर धीरे-धीरे कम होने लगता है।
रेसिसटेंस खत्म करने वाली दवाएं भी कई बार काम नहीं करती हैं, ऐसा क्यों ?
ज्यादातर मामलों में यदि शरीर में कोई दवा असर करना बंद कर दे तो इस समस्या को ठीक करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि जो बैक्टीरिया धीरे-धीरे एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति असरहीन हो जाते हैं उनपर दूसरी दवाओं का असर नहीं होता। ऐसे में मरीज का इलाज शुरुआत से कर लंबे समय तक चलता है।
ऐसे मरीजों को किस तरह दवा देते हैं ?
ड्रग रेसिसटेंस वाले मरीजों को बीमारी की गंभीरता के अनुसार दवा देते हैं इसलिए कोई भी बैक्टीरियल, फंगल या वायरस जनित रोग में बिना कल्चर टैस्ट के दवा न लें। सही जीवाणु की पहचान के आधार पर ही दवा व उसकी डोज तय होती है। डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके, डोज, समय व निश्चित गैप में दवा लें।
डॉक्टरी राय :
कुछ बैक्टीरिया धीरे-धीरे एंटीबायोटिक दवा के प्रति बेअसर हो जाते हैं। ऐसे में इनके लिए प्रयोग होने वाली हाई डोज दवाएं भी काम नहीं कर पाती। महिला के शरीर में सुपरबग हेल्थ वर्कर के संपर्क में आने, यूटीआई, किसी इंस्ट्रूमेंट या कैथेटर आदि के प्रयोग से पहुंचा होगा। एर्टापेनम, डोरीपेरम व मॉक्सीफ्लेक्सेसिन रेसिसटेंस दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के न लें।