लक्षण: रुमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऑटो-इम्यून बीमारी है। इसमें शरीर का प्रतिरोधी तंत्र स्वयं की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। ऐसा खासतौर पर प्रमुख जोड़ वाले हिस्से में होता है। जिस कारण उसमें दर्द, सूजन व लालिमा ( joint inflammation ) आ जाती है। साथ ही सुबह उठते ही अंगुलियां मुड़ जाती हैं, कमजोरी, जकड़न, थकावट व बुखार जैसा महसूस होता है। वहीं जुवेनाइल आर्थराइटिस ( Juvenile arthritis ) में रुमेटॉइड जैसे लक्षण 16 वर्ष की उम्र से पहले दिखाई देने लगते हैं। यह आनुवांशिक कारण से हो सकता है।
रोग का इलाज: इलाज के रूप में खासतौर पर दवाओं की मदद ली जाती है। साथ ही कुछ एक्सरसाइज करने की सलाह देते है। कुछ मामलों में जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो सर्जरी करते हैं। जैसे सिनोवेक्टॉमी, टोटल जॉइंट रिप्लेसमेंट आदि।
प्रमुख कारण : रुमेटॉयड आर्थराइटिस के लिए कुछ वायरस, बैक्टीरिया व फंगस भी जिम्मेदार हैं। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार यह वंशानुगत होने के अलावा किसी प्रकार के इंफेक्शन, वातावरण संबंधी तथ्य के प्रभाव से इम्यून सिस्टम पर हुए प्रभाव से भी ऐसा हो सकता है। कई शोध ऐसे भी हुए जिसमें रुमेटॉयड आर्थराइटिस के मामले ज्यादातर धूम्रपान करने वालों में पाए गए। जोड़ों में लगी पहले कोई ऐसी चोट जो पूरी तरह से ठीक न हुई हो वजह बन सकती है।