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सुनने की क्षमता को बताता ऑडियोमेट्री टैस्ट

ऑडियोमेट्री टैस्ट व्यक्ति की सुनने की क्षमता को जानने के लिए किया जाने वाला हियरिंग टैस्ट है। इससे आवाज की तीव्रता का पता लगाते हैं। मेडिकली इसे प्योर टोन ऑडियोमेट्री कहते हैं।

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Audiometry test

ability to listen

कब जरूरत
पांच साल से अधिक उम्र का बच्चा और व्यक्ति फुसफुसाने व बोले गए शब्दों को न सुन पाए तो यह टैस्ट करते हैं। आवाज की गहराई को डेसिबल में मापते हैं। स्वस्थ व्यक्ति की सुनने की क्षमता 25 डेसिबल होती है। इससे ऊपर यानी 25-40 (माइल्ड हियरिंग लॉस), 55-70 (थोड़ा गंभीर), 70-90 (गंभीर) व 90 से ऊपर बहरापन दर्शाता है।
फायदे: इससे सुनने की कमी कितनी व कौनसे प्रकार (कंडक्टिव, सेंसरी न्यूरल व मिक्स) और ऑटोस्क्लेरोसिस या नॉइस इंड्यूज जैसे रोगों की पहचान करते हैं। कान संबंधी सर्जरी से पहले-बाद के रिकॉर्ड में सहायक है।
सावधानी: टैस्ट को करवाने से पहले कान का साफ होना जरूरी है। यदि मरीज को कान बहने की दिक्कत है तो पहले उसका इलाज करते हैं और फिर जरूरत के हिसाब से टैस्ट करते हैं।
ऐसे होता टैस्ट
ऑडियोमीटर मशीन से जुड़े एक हैडफोन को मरीज के कानों पर लगाते हैं। मशीन चलाने वाला कानों तक विभिन्न फ्रीक्वेंसी में कई तरह की आवाज को पहुंचाता है। हल्की तीव्रता वाली आवाज पर भी वह हाथों के इशारे से प्रतिक्रिया दे तो वह ठीक है। वर्ना परेशानी की पहचान कर इलाज तय करते हैं।
डॉ. पवन सिंघल, ईएनटी विशेषज्ञ