पीएलओएस नामक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि ऑटोकाइडल ग्रेविड ओविट्रैप (एजीपी ट्रैप) (
Autocidal Gravid Ovitrap ) AGP trap ने प्यूर्टो रिको में लोगों को चिकनगुनिया के वायरस से संक्रमित होने से सफलतापूर्वक बचाया है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के शोधकर्ताओं ने कहा है कि एजीओ ट्रैप्स एक रासायनिक-मुक्त, एडीज एजिप्टी (येलो फीवर मच्छर) की आबादी को नियंत्रित करने और इनके द्वारा संचारित किए जाने वाले रोगजनकों के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने के लिए एक प्रभावी तरीका है।एजीओ ट्रैप्स तकनीक बड़े पैमाने पर कितना सफल रहेगी इसके लिए परीक्षण किए जा रहे हैं। एडीज एजिप्टी मच्छर (
Aedes Aegypti mosquito ) आबादी को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी साधनों की कमी से डेंगू वायरस (
dengue virus ) , जीका वायरस (
zika virus ) और चिकनगुनिया वायरस (
Chikungunya virus ) का निरंतर विस्तार हुआ है।
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने प्यूर्टो रिकान समुदायों में 290 घरों को चुना, जिनमें एजीओ ट्रैप तकनीक का उपयाेग किया गया। वहीं 349 एेसे घराें का चयन किया, जिनमें एजीओ ट्रैप का उपयाेग नहीं किया गया।बाद में 175 ( एजीआे ट्रैप तकनीक सहित ) व 152 ( बिना एजीओ ट्रैप) लाेगाें काे चुना गया।
चिकनगुनिया वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए प्रत्येक प्रतिभागी से रक्त के नमूने एकत्र किए गए थे और सर्वेक्षण में जनसांख्यिकीय जानकारी के साथ-साथ मच्छर भगाने और बिस्तर के शुद्ध उपयोग और मच्छर के काटने की आवृत्ति पर डेटा दर्ज किया गया।
114 (34.9 प्रतिशत) प्रतिभागियाें में चिकनगुनिया वायरस पाॅॅॅजिटिव पाया गया। अध्ययन में सामने आया कि एजीओ ट्रैप वाले घराें में केवल 10.3 प्रतिशत लाेग ही चिकनगुनिया से संक्रमित थे, जबकि बिना एजीओ ट्रैप वाले घराें में चिकनगुनिया वायरस के 48.7 प्रतिशत मामले पाॅॅजिटिव थे।