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Hypothalamus: हाइपोथैलेमस की समस्या में मस्तिष्क को नहीं मिलता पूरा पोषण

Hypothalamus: हाइपोथैलमस मस्तिष्क से जुड़ी परेशानी है जो पिट्यूटरी ग्लैंड (पीयूष ग्रंथि) को नियंत्रित करती है। यह पिट्यूटरी ग्लैंड को नियंत्रित करती है, खासकर तनाव की स्थिति में...

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Hypothalamus: हाइपोथैलेमस की समस्या में मस्तिष्क को नहीं मिलता पूरा पोषण

Hypothalamus: हाइपोथैलेमस की समस्या में मस्तिष्क को नहीं मिलता पूरा पोषण

Hypothalamus: हाइपोथैलमस मस्तिष्क से जुड़ी परेशानी है जो पिट्यूटरी ग्लैंड (पीयूष ग्रंथि) को नियंत्रित करती है। यह पिट्यूटरी ग्लैंड को नियंत्रित करती है, खासकर तनाव की स्थिति में। तनाव, अत्यधिक व्यायाम और अपर्याप्त पोषण मस्तिष्क तक संकेत पहुंचने में बाधा पहुंचाते हैं। मस्तिष्क को पूरा पोषण नहीं मिलता है। एथलीट, डांसर्स और जिन महिलाओं का फैट का स्तर काफी कम है उन्हें भी यह दिक्कत आती है। यह अनुवांशिक, असामान्य पीरियड्स और अंडाशय के सही काम नहीं करने से होता है।

आयरन की अधिकता भी कारण
खाने से अरुचि होना या एनोरेक्सिया, रक्तस्राव, बूलीमिया, अनुवांशिक गड़बड़ी, सिर पर चोट, संक्रमण और सूजन होने पर, पर्याप्त पोषण न मिल पाना, रेडिएशन या विकिरण, सर्जरी, आयरन की अधिकता।

बीपी की दवा बाधक
कुछ गर्भनिरोधक गोलियां, इंजेक्शन भी कारण हो सकते हैं। कई बार गर्भनिरोधक गोलियों को बंद करने के बाद हो सकता है। कुछ खास प्रकार की दवाएं जैसे तनाव और ब्लड प्रेशर के लिए ली जाने वाली दवाएं हॉर्मोन के स्तर को बढ़ा सकती हैं। डिंब उत्सर्जन में दिक्कत करती हैं। मासिक चक्र को भी प्रभावित करती है।

दिनचर्या में परिवर्तन
जीवनशैली में बदलाव, अधिक व्यायाम न करें। वजन नियंत्रित रखें। फर्टिलिटी की दवाओं से डिंब उत्सर्जन और मासिक चक्र बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है। इन महिलाओं में आइवीएफ उपयोगी है।