इस नए वायरस की विशेषताओं को समझने के लिए वैज्ञानिक काम कर रहे हैं, कोरोना एसएआरएस और एमइआरएस वायरस के परिवार से ही है। इसके अद्वितीय गुण अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। अब इस नए अध्ययन में वायरस को लेकर सबसे व्यापक नैदानिक जानकारी दी गई है।
वुहान शहर के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराए गए 99 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया था। अध्ययन से पता चला है कि संक्रमित रोगियों की औसत आयु 55 थी और इससे पीड़ित 68 प्रतिशत पुरूष थे। अध्ययन किए गए आधे मरीज पहले से किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित थे और 49 प्रतिशत का मीट बाजार से सीधा संबंध था, जहां से वायरस की उत्पत्ति का संदेह माना जा रहा है।
लक्षणात्मक रूप से, अधिकांश रोगियों को जब अस्पताल में भर्ती किया गया तो उन्हें बुखार और/या खांसी थी। ये कोरोनावायरस में देखे जाने वाले दो सबसे प्रमुख लक्षण हैं। कुछ रोगियों में देखे गए अन्य लक्षणों में सांस की तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द शामिल थे। इस नए वायरस की नैदानिक विशेषताओं की पूर्व जांच पर टिप्पणी करते हुए ईस्ट एंग्लिया यूनिवर्सिटी के पॉल हंटर ने उल्लेख किया कि कोरोनावायरस और इसके कुख्यात समकक्ष एसएआरएस के बीच मुख्य लक्षणात्मक अंतर हैं। इस नए विश्लेषण के पीछे वैज्ञानिकों का मानना है कि अधिकतर मृतक रोगियों की उम्र 60 साल या उससे अधिक थी और पहले से ही कुछ मेडिकल इतिहास जुड़ा हुआ था। साथ ही अध्ययन में यह भी कहा गया है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में यह बीमारी होने का खतरा ज्यादा है।