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Covid-19: कोरोना वायरस का टीका बनाने में लगे भारतीय वैज्ञानिक

Covid-19: एक कोर टीम बनाई गई है जिसमें विभिन्न फील्ड के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। वे टीके का विकास करने के लिए एक कांप्रिहेंसिव रिसर्च करेंगे। एनआईआई देश सेवा के लिए समर्पित है और संकट की घड़ी में दिन-रात जुटी हुई है।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Mar 28, 2020

Covid-19: कोरोना वायरस का टीका बनाने में लगे भारतीय वैज्ञानिक

Covid-19: Indian scientists involved in making coronavirus vaccine

Covid-19, coronavirus: नई दिल्ली| दुनिया को हिलाकर रख देने वाले करने वाले कोरोनावायरस के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ते हुए भारतीय वैज्ञानिक इसका टीका (वैक्सीन) विकसित करने में दिन-रात जुटे हुए हैं। टीका विकसित करने वाली भारत की सर्वोच्च संस्था नेशनल इंस्टीस्ट्यूट आफ इम्यूनोलोजी (एनआईआई) ने इस चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए टॉप टेन वैज्ञानिकों की टीम बनाई है।

जीवनरक्षक कई टीकों के विकास में योगदान देने वाले एनआईआई के डायरेक्टर डा. अमूल्य के पांडा ने कहा कि यह मेरे करियर की सबसे कठिन चुनौती है। हमलोग इस खतरनाक वायरस बीमारी का हल खोजने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। टीका विकसित करने का काम शुरू हो चुका है।

पांडा की टीम इससे पहले कैंसर का टीका विकसित कर चुकी है जिसका ट्रायल चेन्नई में अंतिम चरण में है। एनआईआई ने इससे पहले लेप्रोसी और टीबी का टीका विकसित किया था जिसकी दुनिया भर में सराहना हो चुकी है।

एनआईआई का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के संरक्षण में काम करती है। इसके साथ ही यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर काम करती है। कोविड-19 के टीके के विकास संबंधी पहली बार खुलासा करते हुए पांडा ने आईएएनएस से कहा, "एक कोर टीम बनाई गई है जिसमें विभिन्न फील्ड के विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। वे टीके का विकास करने के लिए एक कांप्रिहेंसिव रिसर्च करेंगे। एनआईआई देश सेवा के लिए समर्पित है और संकट की घड़ी में दिन-रात जुटी हुई है।"

कोविड-19 के उपचार के लिए टीका या दवा के विकास की बात हो या दवा की तरह क्लोरोक्वीन, वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।आईआईटी चेन्नई से एम.टेक और आईआईटी दिल्ली से डाक्टरेट डा. पांडा ने कहा, "भारत में वायरस से संक्रमित कई लोग ठीक हो गए हैं। हम देखेंगे कि उनके एंटीबाडी ने किस तरह वायरस का मुकाबला किया। इसी तरह हम वायरस के प्रकार को भी देखेंगे। यह भी हो सकता है कि जर्मनी या इटली या चीन से आने वाले भिन्न स्ट्रेन हो। इस वक्त इन सभी चीजों को बताना मुश्किल है।"