बुखार, गले में खराश, नाक बहना, आवाज में बदलाव कोरोना और क्रुप दोनों ही बीमारियों के शुरुआती लक्षण हैं, लेकिन क्रुप संक्रमित बच्चों में ‘बार्किंग कफ’ की समस्या जाता पाई जा रही है। जबकि कोरोना में खांसी या सूखी खांसी ज्यादा होती है।
क्रुप बीमारी के बारे में शुरु में ही पता चल जाए तो इकस उपचार बेहद आसान और घर पर ही हो जाता है। इस बीमारी में आराम करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है और पानी खूब पीना चाहिए। कई मामलों में सांस लेने में ज्यादा दिक्कत होती है, तब अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है।
बच्चों में ऊपरी श्वसन संक्रमण के कारण क्रुप बीमारी बढ़ती है। यह सामान्य इफेक्शन ही होता है। यह पैरैनफ्लुएंजा और सामान्य सर्दी की वजह से होता है। इसमें वोकल कॉर्ड्स और गले के आसपास सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से खांसने पर कुत्ते के भौंकने जैसी आवाज आती है। इसे ‘बार्किंग कफ’ भी कहते हैं।