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शरीर के किसी हिस्से में गांठ है तो नजरअंदाज न करें, हो सकता है खतरा

हैवी एक्सरसाइज अचानक बंद करने से भी गांठें बन जाती हैं। इन गांठों को नजरअंदाज न करें। देर न करें, डॉक्टरी परामर्श लेकर इलाज कराएं। कुछ गांठें कैंसर का रूप ले सकती हैं।

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जयपुर

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Vikas Gupta

Nov 07, 2019

शरीर के किसी हिस्से में गांठ है तो नजरअंदाज न करें, हो सकता है खतरा

Cysts: Causes, types, and treatments

गांठ (सिस्ट) शरीर के किसी हिस्से में हो सकती है। कुछ गांठें जन्मजात होती हैं, जो जन्म के कुछ दिनों बाद अपने आप ठीक हो जाती हैं। गांठें अक्सर चोट लगने, किसी तरह का संक्रमण होने, रक्त प्रवाह बाधित होने और फैट अधिक होने से होती हैं। कुछ गांठें हल्की टाइट तो कुछ में गैस भरी होती हैं जो दबाने से पिचकती हैं। जैसे ही छोड़ते हैं तो दोबारा उभर जाती हैं। हैवी एक्सरसाइज अचानक बंद करने से भी गांठें बन जाती हैं। इन गांठों को नजरअंदाज न करें। देर न करें, डॉक्टरी परामर्श लेकर इलाज कराएं। कुछ गांठें कैंसर का रूप ले सकती हैं।

इन कारणों से भी बनती गांठ -
आनुवांशिक कारणों से भी गांठ संबंधी समस्या होती है। इसमें गर्दन में गांठ, सिर के पीछे, कान के पीछे, रीढ़ के निचले हिस्से में गांठ होती है। ये समस्या अक्सर परिवार में माता-पिता में से किसी को होती है तो बच्चों को होने की आशंका 50 फीसदी तक बढ़ जाती है। ऐसे में परिवार में किसी को इस तरह की समस्या पहले से है तो बच्चों का खास खयाल रखना चाहिए। उनके शरीर पर गांठ हो रही है तो तत्काल शिशु रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। इसी तरह संक्रमण होने या ट्रॉमा के मामले में कई बार ब्लड इकठ्ठा हो जाता है, जिससे गांठ बनती है।

सिर में, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द -
सिर में गांठ होने पर तेज दर्द होता है। फेफड़े में गांठ होने से सांस लेने में दर्द के साथ खिंचाव महसूस होता है। ओवेरियन सिस्ट होने पर पेट के निचले हिस्से में दर्द और त्वचा की गांठ में सूजन के साथ दर्द हो सकता है। कुछ मामलों में मरीज को ऐसा आभास होता है कि इसके भीतर कुछ चल रहा है। कई बार ये गांठें धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती हैं, समय से जांच करवाकर इलाज कराना जरूरी है।

खेलते वक्त लगी चोट भी बनती गांठ -
बच्चों को मिट्टी में न खेलने दें। मिट्टी में खेलने से बच्चों को पैरासाइट इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है। बच्चों को खेलते वक्त अक्सर चोट लग जाती है जिसपर वे ध्यान नहीं देते हैं और बाद में गांठ बन जाती है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखने से गांठ संबंधी समस्या से बचाया जा सकता है।

शुगर लेवल की नियमित जांच जरूरी -
डायबिटीज रोगियों को पीठ पर गांठ बनने और महिलाओं में स्तन में गांठ बनने की आशंका अधिक रहती है। शुगर लेवल की नियमित जांच कराएं। महिलाओं को स्तन की स्व जांच करनी चाहिए, जिससे किसी तरह की गांठ संबंधी समस्या का समय रहते पता चल सके। स्तन से पस या खून निकल रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।