scriptजलवायु परिवर्तन से उपजा घातक फंगल | Deadly fungal disease may be linked to climate change | Patrika News

जलवायु परिवर्तन से उपजा घातक फंगल

locationजयपुरPublished: Jul 28, 2019 05:42:50 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

जलवायु परिवर्तन से उपजा घातक फंगल
-2009 में एक जापानी महिला के कान में कैंडिडा ऑरिस नामक फंगल के होने का पहली बार पता चला था।

जलवायु परिवर्तन से उपजा घातक फंगल

जलवायु परिवर्तन से उपजा घातक फंगल

कैंडिडा ऑरिस नाम का फंगल एक बार फिर वैश्विक स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। साल 2009 में पहली बार वैज्ञानिकों ने इसे खोजा था। यह फंगल कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणालियों वाले 30 से 60 फीसदी रोगियों के लिए जानलेवा है। 30 से ज्यादा देशों में इसके लिए चेतावनी जारी की गई है। इस फंगल को विशेष प्रयोगशाला में परीक्षण के पहचानना कठिन है। इस पर किसी एंटी फंगल दवा का भी असर नहीं होता।
वैज्ञानिकों ने पाया कि यह घातक कवक उच्च तापमान में भी विकसित हो सकता है। भारत, दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण अमरीका में इसके संक्रमित ज्यादा हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि एंटी फंगल दवाओं का अधिक उपयेाग और कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल इसके लिए जिम्मेदार हैं। 12 जुलाई तक इसके 716 मामले सामने आ चुके हैं। वैज्ञानिक ग्लोबल वॉर्मिंग को भी इस कवक के लिए उत्तरदायी मान रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने पाया कि यह घातक कवक अब उच्च तापमान वाले वातावरण में भी विकसित हो सकता था। वैज्ञानिक इस बात से भी हैरान हैं कि यह कवक तीन अलग-अलग महाद्वीपों में अलग-अलग स्वरूपों में पहचाना गया। ऐसा शायद इसलिए संभव हो सका कि जनसांख्यिकीय परिवर्तनों के इतर दुनिया भर के देशों में तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। भारत में तो तामान और भी ज्यादा असर दिखा रहा है। कैसेडवॉल का मानना है कि यह शोध आगे के अनुसंधान के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगा।
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