डाइवर्टिकुलाइटिस बीमारी में आंतों की लाइनिंग पर मौजूद गोलाकार पाउच आंतों के बाहर उभरने लगते हैं। ये कमजोर लाइनिंग पर उभरते हैं। इस स्थिति में संक्रमण और सूजन देखने में आती है। 40-60 की उम्र में पेट संबंधी रोग बढ़ जाते हैं। यह बीमारी इनमें से एक है।
कारण-
रोग के कारण अज्ञात हैं। लेकिन अधिकतर मामलों में भोजन में फाइबरयुक्त चीजों का अभाव या शरीर में पानी की कमी इसकी मुख्य वजह है। क्योंकि फाइबर व पानी की कमी से मल सख्त हो जाता है और धीरे-धीरे आंतों पर दबाव पड़ता है। कब्ज व मोटापा इस रोग को बढ़ाते हैं।
प्रमुख लक्षण –
पेट के निचले हिस्से में बाईं तरफ अचानक दर्द होने के अलावा कब्ज, बुखार, एसिडिटी, भूख न लगना, कभी-कभार मल के साथ रक्त आने जैसी पेरशानी होना।
जांच और इलाज –
यूरिन व स्टूल में बार-बार ब्लड आने व पेट के निचले हिस्से में बाईं ओर दर्द होने पर डॉक्टरी सलाह जरूर लें। जरूरत के अनुसार ब्लड टैस्ट, सीटी स्कैन या एक्स-रे भी कराया जाता है। एंटीबायोटिक्स दवा लेने के अलावा आराम करने, अधिक लिक्विड डाइट व प्रतिदिन 20-25 ग्राम फाइबरयुक्त चीजें खाने की सलाह देते हैं।