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डायबिटिक डायरिया में तुरंत असर नहीं करतीं दवाएं

locationजयपुरPublished: Mar 28, 2019 09:13:49 pm

Submitted by:

Ramesh Singh

डायबिटीज के मरीज शुगर लेवल नियंत्रित रखें। इसके कम ज्यादा होने से हृदय संबंधी दिक्कतें बढ़ती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। पौष्टिक खानपान के साथ रेशेयुक्त आहार लें।

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डायबिटिक डायरिया में तुरंत असर नहीं करतीं दवाएं

डायबिटीज नर्वस सिस्टम पर गलत असर डालती है। इससे आंतें ठीक से काम नहीं कर पाती हैं। आंतों के पचाने की क्षमता कमजोर होने से डायबिटिक डायरिया होता है। 10-15 साल पुरानी डायबिटीज के मरीजों में दिक्कत होती है।
बुखार, उल्टी, पेट में मरोड़, दर्द आदि नहीं होता है। मरीज के स्टूल में भी कोई बदलाव नहीं होता है। डायरिया की तरह स्टूल में रक्त नहीं आता है। इससे मरीज को कमजोरी आती है।

शुगर लेवल नियंत्रित रखें

डायबिटिक डायरिया से पीडि़त मरीज को कमजोरी व बार-बार दस्त होने पर बीमारी की पहचान के लिए ब्लड व स्टूल टेस्ट कराते हैं। इससे बीमारी की पहचान नहीं होने के बाद सोनोग्राफी, ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी जांच से नर्वस सिस्टम की कार्यक्षमता की पहचान कर इलाज करते हैं। दस्त संबंधी दवाएं कम असर करती हैं। मरीज को हल्का व सुपाच्य आहार देते हैं। जूस व हाई ग्लूकोज वाली चीजें नहीं देते हैं। मरीज शुगर लेवल नियंत्रित रखें। इसके कम ज्यादा होने से हृदय संबंधी दिक्कतें बढ़ती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
-डॉ. पुनीत सक्सेना, वरिष्ठ फिजिशियन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, जयपुर

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