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ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को मरीज से हुआ कैंसर, पहली बार सामने आया ऐसा दुर्लभ मामला

Cancer : जर्मनी में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक सर्जन, कैंसर मरीज की सर्जरी करते समय खुद इस घातक बीमारी का शिकार हो गए।

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Surgeon catches cancer from patient

Cancer : कैंसर, एक ऐसा शब्द जो सुनते ही मन में डर और चिंता पैदा कर देता है। यह बीमारी जितनी गंभीर है, उतनी ही जटिल और रहस्यमयी भी। हाल ही में जर्मनी में एक ऐसा दुर्लभ मामला सामने आया जिसने मेडिकल जगत को हैरान कर दिया। यहां एक मरीज से उसके डॉक्टर को कैंसर (Cancer) हो गया। यह घटना इतनी असामान्य है कि यह पूरे विश्व में चर्चा का विषय बन गई। आइए इस अनोखे मामले को विस्तार से समझें।

मरीज से डॉक्टर को कैंसर: कैसे हुआ यह संभव? Cancer from patient to doctor: How was this possible?

रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मनी में एक सर्जन एक मरीज के पेट में मौजूद कैंसर ट्यूमर का ऑपरेशन कर रहे थे। ऑपरेशन के दौरान, सर्जन के हाथ में गलती से एक कट लग गया। इस कट को उन्होंने तुरंत डिसइंफेक्ट कर बैंडेज लगा लिया। लेकिन लगभग 5 महीने बाद, उसी जगह पर एक छोटी गांठ विकसित हो गई। जांच के बाद पता चला कि यह गांठ कैंसर (Cancer) का एक खतरनाक रूप था।

डॉक्टर के शरीर में यह कैंसर (Cancer) मरीज के ट्यूमर सेल्स की वजह से हुआ। मरीज के ट्यूमर से निकले सेल्स डॉक्टर के कटे हाथ से उनके शरीर में प्रवेश कर गए थे। आमतौर पर, शरीर की इम्यून सिस्टम बाहरी टिशू या सेल्स को नष्ट कर देती है, लेकिन इस केस में डॉक्टर की इम्यूनिटी इसे रोकने में असफल रही।

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दुर्लभ और दुर्भाग्यपूर्ण मामला

इस घटना ने मेडिकल समुदाय में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटना बेहद दुर्लभ है। आमतौर पर, शरीर बाहरी सेल्स को पहचानकर उन्हें खत्म कर देता है। लेकिन यहां डॉक्टर की इम्यून सिस्टम कमजोर साबित हुई। इस दुर्लभ प्रकार के कैंसर को मेडिकल भाषा में 'मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा' (Malignant Fibrous Histiocytoma) कहा जाता है, जो सॉफ्ट टिशू में विकसित होता है।

ऑपरेशन के बाद क्या हुआ?

सर्जरी के 5 महीने बाद गांठ का पता लगने पर डॉक्टर ने तुरंत मेडिकल सहायता ली। उनकी जांच के बाद गांठ को ऑपरेशन करके हटा दिया गया। अच्छी खबर यह है कि दो साल बीत जाने के बाद डॉक्टर के शरीर में कैंसर (Cancer) दोबारा नहीं हुआ।

पहले भी हुए ऐसे मामले

यह पहली बार नहीं है जब ऐसा मामला सामने आया हो। 1996 में भी एक ऐसा ही दुर्लभ केस दर्ज किया गया था। हालांकि, इस तरह की घटनाएं बेहद दुर्लभ होती हैं और लाखों में एक बार होती हैं।

मेडिकल जगत के लिए नया विषय

यह मामला मेडिकल रिसर्च के लिए एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। विशेषज्ञ अब इस बात की गहराई से जांच कर रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ और भविष्य में इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।


Cancer : सीखने योग्य बातें

इस घटना से हमें समझने को मिलता है कि मेडिकल पेशे में कार्यरत लोग भी कितने जोखिम में रहते हैं। यह केस हमें इम्यून सिस्टम की भूमिका और कैंसर से जुड़ी जटिलताओं के बारे में भी गहराई से सोचने पर मजबूर करता है।

यह दुर्लभ घटना कैंसर पर रिसर्च के लिए नई दिशा प्रदान करती है। साथ ही यह हमें सिखाती है कि सावधानी और सुरक्षा से ही ऐसे जोखिमों को कम किया जा सकता है।