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Ear Fungal Infection: बारिश में बढ़ जाते कान के रोग, तेजी से फैलती है ये बीमारी

Ear Fungal Infection: बारिश के दिनों में कान की कई बीमारियां बढ़ जाती हैं। उमस व गीलेपन से कान में फंगल इन्फेक्शन (ओटोमाइकोसिस) आम है। इसमें कान की केनाल में एस्परजिलस या कैंडिडा नामक फंगस का संक्रमण होता है, जो नमी में तेजी से पनपता है। कान में वैक्स फूलने व फुंसी या संक्रमण से सूजन और दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इन दिनों में जुकाम-खांसी व कान बहने की समस्या भी बढ़ जाती है।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Jul 16, 2023

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Ear fungal infection

Ear Fungal Infection: बारिश के दिनों में कान की कई बीमारियां बढ़ जाती हैं। उमस व गीलेपन से कान में फंगल इन्फेक्शन (ओटोमाइकोसिस) आम है। इसमें कान की केनाल में एस्परजिलस या कैंडिडा नामक फंगस का संक्रमण होता है, जो नमी में तेजी से पनपता है। कान में वैक्स फूलने व फुंसी या संक्रमण से सूजन और दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इन दिनों में जुकाम-खांसी व कान बहने की समस्या भी बढ़ जाती है।

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लक्षण Symptoms of Ear Fungal Infection
इस प्रकार के संक्रमण में कान में भारीपन व दर्द होता है। खुजली भी हो सकती है, साथ ही कान से रिसाव भी आ सकता है। व्यक्ति को लगता है, जैसे उसका कान बंद हो गया है। संक्रमण से कान के पर्दे में छेद भी हो सकता है।

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कारण Reason of Ear Fungal Infection
नमी व उमस फंगस संक्रमण के लिए सबसे अनुकूल समय होता है। जिन लोगों का कान पहले से बहता है, उनमें भी जल्दी पनप सकता है। कान की खुद सफाई करने व तेल डालने से भी संक्रमण बढ़ सकता है।

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इलाज Treatment of Ear Fungal Infection
कान की सफाई विशेषज्ञ से ही करवाएं। कान बहने या अन्य तकलीफ होने पर कान सूखे रखें। नहाते समय कान में तेल या वैसलीन से चिकनी की रुई लगाई जा सकती है। तेल न डालें।

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रखें सावधानी
सीनियर ईएनटी कंसल्टेंट, डॉ. शुभकाम आर्य के अनुसार, कान सूखे रखें व बिल्कुल न छेड़ें। यह समझें कि नियमित कान साफ करने की जरूरत नहीं होती। किसी कारण वैक्स इकट्ठा रह भी जाए तो स्वयं अपने कान की सफाई न करें।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।