ब्रेन स्ट्रोक के खतरे
मस्तिष्क के सेल्स और टिशू के आकार और साइज एन्यूरिज्म नामक ब्रेन स्ट्रोक का अनुमान लगा सकते हैं। यह ब्रेन में सूजन आने के कारण होता हैं। एन्यूरिज्म एक सबसे खतरनाक स्ट्रोक का प्रकार होत है। यह तब होता है जब यह टूट जाता है लीक होने लगता हैं। इससे ब्रेन में खून फैलने लगता हैं जिससे 50% से अधिक प्रभावित लोगों की मौत हो जाती है।
मस्तिष्क के सेल्स और टिशू के आकार और साइज एन्यूरिज्म नामक ब्रेन स्ट्रोक का अनुमान लगा सकते हैं। यह ब्रेन में सूजन आने के कारण होता हैं। एन्यूरिज्म एक सबसे खतरनाक स्ट्रोक का प्रकार होत है। यह तब होता है जब यह टूट जाता है लीक होने लगता हैं। इससे ब्रेन में खून फैलने लगता हैं जिससे 50% से अधिक प्रभावित लोगों की मौत हो जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण
ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी आमतौर पर मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है। ऐसे समय नसों में खून का प्रवाह कम होने लगता हैं और वे सूखने लगती हैं। ऑक्सीजन और खून की कमी के कारण ब्रेन सुचारु रूप से काम करना बंद कर देता हैं। इस स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा जब लंबे समय तक ब्रेन को खून और ऑक्सीजन की सप्लाइ नहीं होती है, तो ब्रेन सेल्स और टिशू मरने लगते हैं। इसकी वजह से ब्रेन ठीक तरह से काम नहीं करता हैं और स्ट्रोक जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी आमतौर पर मस्तिष्क में ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है। ऐसे समय नसों में खून का प्रवाह कम होने लगता हैं और वे सूखने लगती हैं। ऑक्सीजन और खून की कमी के कारण ब्रेन सुचारु रूप से काम करना बंद कर देता हैं। इस स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा जब लंबे समय तक ब्रेन को खून और ऑक्सीजन की सप्लाइ नहीं होती है, तो ब्रेन सेल्स और टिशू मरने लगते हैं। इसकी वजह से ब्रेन ठीक तरह से काम नहीं करता हैं और स्ट्रोक जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।
ब्रेन स्ट्रोक के संकेत
बोलने या समझने में कठिनाई। अचानक धुंधला या कम दिखाई देना। सामान्य से अधिक सर दर्द होना।बिना किसी स्पष्ट कारण के चक्कर आना या जमीन पर गिर जाना। हाथ, पैर या शरीर में झनझनाहट या सुन्नता का अनुभव करना। बहुत कमजोर महसूस करना और भोजन निगलने में भी दिक्कत होना।
बोलने या समझने में कठिनाई। अचानक धुंधला या कम दिखाई देना। सामान्य से अधिक सर दर्द होना।बिना किसी स्पष्ट कारण के चक्कर आना या जमीन पर गिर जाना। हाथ, पैर या शरीर में झनझनाहट या सुन्नता का अनुभव करना। बहुत कमजोर महसूस करना और भोजन निगलने में भी दिक्कत होना।
स्ट्रोक के लक्षण?
इसके मुख्य लक्षण अचानक, गंभीर सिरदर्द, दोहरी दृष्टि यानी डबल दिखाई देना, मतली और उल्टी, गर्दन में अकड़न, मांसपेशियों में कमजोरी, दौरे और कार्डियक अरेस्ट शामिल हैं। अगर समय रहते इन लक्षणों पर गौर करें तो दवा, आहार और जीवनशैली में बदलाव के साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके एन्यूरिज्म पर निगरानी रखी जा सकती हैं।
इसके मुख्य लक्षण अचानक, गंभीर सिरदर्द, दोहरी दृष्टि यानी डबल दिखाई देना, मतली और उल्टी, गर्दन में अकड़न, मांसपेशियों में कमजोरी, दौरे और कार्डियक अरेस्ट शामिल हैं। अगर समय रहते इन लक्षणों पर गौर करें तो दवा, आहार और जीवनशैली में बदलाव के साथ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके एन्यूरिज्म पर निगरानी रखी जा सकती हैं।
ब्रेन स्ट्रोक आने पर मरीज की मदद कैसे करें 1. सांस लेने में मदद करें
ऐसी स्थिति में अक्सर सांस लेने में तकलीफ होती है। आप देखते रहें कि मरीज लगातार सांस ले रहा हैं कि नहीं। यदि उसे परेशानी हो रही है, तो शर्ट, टी या स्कार्फ को ढीला कर दें। ऐसा करने से उन्हे थोड़ी राहत मिल सकती है।
ऐसी स्थिति में अक्सर सांस लेने में तकलीफ होती है। आप देखते रहें कि मरीज लगातार सांस ले रहा हैं कि नहीं। यदि उसे परेशानी हो रही है, तो शर्ट, टी या स्कार्फ को ढीला कर दें। ऐसा करने से उन्हे थोड़ी राहत मिल सकती है।
2. कुछ खाने या पीने न दें
घबराहट में आकर मरीज को पानी या कुछ अन्य चीज खाने को न दें। ऐसा करने से उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे समय में मरीज के लक्षणों पर ध्यान दें। ताकि आप डॉक्टर को सब बता सकें।
घबराहट में आकर मरीज को पानी या कुछ अन्य चीज खाने को न दें। ऐसा करने से उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। ऐसे समय में मरीज के लक्षणों पर ध्यान दें। ताकि आप डॉक्टर को सब बता सकें।
3. शरीर को ठंडा न पड़ने दें
ऑक्सीजन की कमी और अनियमित रक्त प्रवाह के कारण शरीर ठंडा पड़ सकता हैं। ऐसे समय व्यक्ति को कंबल से ढक दें और हाथ-पैर को रगड़ कर गरमाहट पैदा करें। ज्यादा भीड़ इककट्ठा न होने दें। इससे ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आ सकती हैं। भीड़ के कारण पेशेंट घबरा भी सकता हैं।
ऑक्सीजन की कमी और अनियमित रक्त प्रवाह के कारण शरीर ठंडा पड़ सकता हैं। ऐसे समय व्यक्ति को कंबल से ढक दें और हाथ-पैर को रगड़ कर गरमाहट पैदा करें। ज्यादा भीड़ इककट्ठा न होने दें। इससे ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट आ सकती हैं। भीड़ के कारण पेशेंट घबरा भी सकता हैं।
4. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
अगर आपको लग रहा हैं कि किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस स्थिति में इमरजेंसी हेल्प मिलने से पेशेंट की जान बच सकती है।
अगर आपको लग रहा हैं कि किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हुआ है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस स्थिति में इमरजेंसी हेल्प मिलने से पेशेंट की जान बच सकती है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।