रिपाेर्ट के अनुसार देश 2018 में 15,266 लाेगाें काे स्वाइन फ्लू हुआ,जिसमें से 1,128 लाेगाें की माैत हाे हुर्इ, वहीं 2019 में 28,798 स्वाइन फ्लू संक्रमित राेगियाें में से 1,218 की माैत हुर्इ। जबकि 1 मार्च 2020 तक एच1 एन1 H1N1 के कारण 28 लोगों की मौत हो चुकी है।
स्वाइन फ्लू ( Swine Flu ) एक ऐसा मौसमी संक्रमण है, जो पहली बार 2009 में दुनिया में सामने आया था, जो हर साल विशेष तौर पर जनवरी से मार्च और जुलाई और सितंबर के बीच हमला करता है। इस साल 1 मार्च तक, भारत में 1,100 से अधिक लोग H1N1 का शिकार हुए, जिनमें से 28 की मौत हो गई।
फरवरी में, जर्मन सॉफ्टवेयर दिग्गज SAP ने बेंगलुरु मुख्यालय पर अपने दो कर्मचारियों में H1N1 की पुष्टि होने पर भारत में अपने कार्यालयों को बंद कर दिया। मार्च की शुरुआत तक, उत्तर प्रदेश में H1N1 के कम से कम 78 मामले सामने आए, जिनमें 19 से अधिक पुलिसकर्मियों का परीक्षण सकारात्मक था। जिनमें नौ की मौत हो गई। उसी महीने, सर्वोच्च न्यायालय के छह न्यायाधीश भी इस बीमारी से पीड़ित मिले।
H1N1 के बढ़ते मामलों पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा है कि इस तरह के प्रकोपों के दौरान, स्थिति की नियमित रूप से समीक्षा होती है और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उच्चतम स्तर पर बारीकी से निगरानी की जाती है। इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में भी मामलों की समीक्षा की जाती है।पिछली बार समीक्षा बैठक 8 जनवरी आयोजित की गई थी।
सीओवीआईडी -19 के प्रकोप की तरह एच 1 एन 1 के लक्षणों में भी बुखार, गले में खराश, नाक बहना और खांसी शामिल हैं। इनसे बचाव के उपाय भी समान हैं, जैसे, हाथों को बार-बार धोएं, अस्वस्थ होने पर या रोगी के आस-पास मास्क पहनें और बुनियादी स्वच्छता और सफाई का ध्यान रखें । लक्षण प्रकट होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।