किन वजहों से ये स्थिति बनती है?
फ्रोजन शोल्डर के कई कारण हैं, जिनमें प्रमुख हैं-
कंधे की सर्जरी या चोट लगना, बढ़ती उम्र (फ्रोजन शोल्डर सिंड्रोम 40-70 साल के लोगों में अधिक होता है)। पुरुषों की तुलना में यह समस्या महिलाओं (मीनोपॉज के बाद ) में अधिक होती है। डायबिटीज, पर्किंसन, कार्डियोवॉस्क्युलर डिजीज, टीबी और स्ट्रोक आदि के मरीजों में इसका अधिक खतरा रहता है।
फ्रोजन शोल्डर के लक्षण क्या हैं?
कंधे को हिलाने-डुलाने में दर्द होना, सूजन और कड़ा होना। कई लोगों को रात में तेज दर्द होना, जिससे उन्हें नींद नहीं आती है।
इससे बचाव कैसे करें?
रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें, इससे कंधों के साथ शरीर के जोड़ों में लचीलापन बना रहता है। कंधे में हल्का दर्द है तो एक्सरसाइज के साथ स्ट्रेचिंग करें। अगर हाथ का अधिक इस्तेमाल होता है तो विशेषज्ञ को दिखाकर विशेष एक्सरसाइज करें। साथ ही डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
इसका उपचार कैसे होता है?
फ्रोजन शोल्डर का उपचार लक्षणों की गंभीरता के आधार पर किया जाता है। समस्या अधिक गंभीर नहीं है तो दर्द की दवा, स्टेरॉयड के इंजेक्शन और फिजियोथैरेपी से इलाज हो जाता है। गंभीर स्थिति में सर्जरी की जरूरत पड़ती है।