
सीने में दर्द के कारणों में हृदय समस्याओं को लेकर सामान्य खांसी और फ्लू तक भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। एक बार यह जानने के बाद कि दर्द के कारणों में दिल संबंधी गंभीर समस्या शामिल नहीं है। आप सीने में दर्द के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपचारों का सहारा ले सकते हैं।
दर्द की अनदेखी न करें
सीने में दर्द हमेशा हृदय संबंधी समस्याओं के कारण नहीं होता है। इसके लिए कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। हालांकि सीने में दर्द महसूस होने पर हमेशा चिकित्सक से सलाह लेने के लिए कहा जाता है ताकि सीने में दर्द के सही कारणों के बारे में जानकारी हासिल की जा सकें। आमतौर पर सीने में होने वाले इस दर्द को एंजाइना कहा जाता है, जिसे मेडिकल भाषा में एंजाइना पेक्टोरिस कहा जाता है। कोरोनरी डिजीज के चलते दिल तक पहुंचने वाले रक्त की मात्रा कम होने पर एंजाइना की समस्या होती है। सीने में दर्द की कभी भी अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। एक बार यह जानने के बाद कि दर्द केकारणों में दिल संबंधी गंभीर समस्या शामिल नहीं है। आप सीने में दर्द के इलाज के लिए कुछ घरेलू उपचारों का सहारा ले सकते हैं।
लहसुन है फायदेमंद
लहसुन समग्र स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। विशेष रूप से हृदय समस्याओं के इलाज के लिए तो लहसुन बहुत ही फायदेमंद होता है। लहसुन में पाए जाने वाले कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन और विटामिन सी के कारण इसे विटामिन और मिनरल का भंडार कहा जाता है। इसके अलावा इसमें आयोडीन, सल्फर और क्लोरीन भी पाया जाता है। यह खांसी, अस्थमा और कफ आदि के कारण होने वाले सीने में दर्द को दूर करने में मदद करता है। लहसुन की केवल एक कली को नियमित रूप से लेने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम और धमनियों की दीवारों पर पट्टिका का निर्माण रोका जा सकता है। जो एंजाइना या सीने में दर्द का एक प्रमुख कारण है।
अदरक
अदरक की जड़ विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए बहुत पुराना उपाय है। यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं जैसे एसिडिटी, सर्दी और फ्लू और सूजन और गर्भावस्था के दौरान होने वाली उल्टी और मतली के लिए बहुत ही उपयोगी उपाय है। जब भी आप सीने में दर्द का अनुभव करें तो सूजन को कम करने और खांसी से राहत पाने के लिए अदरक की जड़ की चाय का सेवन करें। इसके अलावा इससे बनी चाय हार्टबर्न के कारण होने वाले सीने में दर्द को दूर करने में भी मददगार होती है।
करें हल्दी का इस्तेमाल
एक मसाले के रूप में हल्दी का इस्तेमाल व्यापक रूप से एशियाई व्यंजनों में किया जाता है और जड़ी बूटी के रूप में इसका इस्तेमाल आयुर्वेद और चीनी दवाओं में एंटी इंफ्लेमेंटरी रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन नामक तत्?वके कारण इसका इस्तेमाल पेट फूलना, घाव, सीने में दर्द आदि जैसे विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जाता है। अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों से दिल की रक्षा के लिए करक्यूमिन बहुत प्रभावी है। यह तत्?वकोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण रोकने में मदद करता है जो रक्तवाहिकाओं को नुकसान पहुंचाकर धमनियों की दीवारों पर ब्लॉक को मजबूत बनाता है।
पवित्र तुलसी
तुलसी को पवित्र तुलसी के रूप में जाना जाता है। पवित्र तुलसी एक प्रभावी एंटी बैक्टीरियल जड़ी-बूटी और एंटी इफ्लेमेंटरी प्रभाव का कारण बनती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व दिल के लिए आवश्यक होते हैं। तुलसी में पाया जाने वाला वाष्पशील तेल को युगेनॉल के नाम से बुलाया जाता है। इसमें शरीर में साइक्लोऑक्सिजनेज नामक एंजाइम की गतिविधि को ब्लॉक करने की क्षमता होती है। एंटी इफ्लेमेंटरी गुणों के कारण तुलसी दर्द से राहत देने के साथ सूजन को दूर करने में भी मदद करती है।
अनार का जूस
कई अध्ययनों के अनुसारए अनार हृदय समस्याओं को दूर करने में बहुत उपयोगी होता है। यह तनाव को कम कर धमनियों की दीवारों को होने वाले नुकसान और एलडीएल के ऑक्सीकरण को रोकने में मदद करता है। स्ट्रोक और परिधीय रोग के कारण धमनियों संकरी के होने के कारण होने वाली समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। इन सभी समस्याओं के शुरुआती लक्षण के रूप में सीने में दर्द होता है। अनार के जूस के नियमित सेवन से इसमें मौजूद प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इफ्लेमेंटरी गुण सीने में दर्द को रोकने में मदद करता है।
Published on:
15 Apr 2018 04:53 am
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