बूढ़े लोग पर खतरा जानिए क्यों होगा कम
जबकि बूढ़े लोगों में मंकीपॉक्स होने पर खतरा ज्यादा नहीं होगा क्योंकि से दशकों पुराने चेचक के टीके से वे कुछ हद तक सुरक्षित हैं। टीका लगवाने वाले वृद्ध वयस्क संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन उनके केवल हल्के लक्षणों के साथ बचने की संभावना ज्यादा रहेगी।
जबकि बूढ़े लोगों में मंकीपॉक्स होने पर खतरा ज्यादा नहीं होगा क्योंकि से दशकों पुराने चेचक के टीके से वे कुछ हद तक सुरक्षित हैं। टीका लगवाने वाले वृद्ध वयस्क संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन उनके केवल हल्के लक्षणों के साथ बचने की संभावना ज्यादा रहेगी।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के वैज्ञानिक निदेशक डॉ लुइगी फेरुची का कहना है कि जिन लोगों को कई दशकों पहले चेचक का टीका लगाया गया था, वे बहुत ही उच्च स्तर के एंटीबॉडी अब भी रखते हैं। भले ही उन्हें 50 साल पहले टीका क्यों न लगा हो। हालांकि वायरस का अटैक उन पर भी हो सकता है, लेकिन खतरा कम होगा।
जानिए मंकीपॉक्स के लक्षण -बुखार के साथ त्वचा पर निशान।
-त्वचा पर लाल चखते बन जाना।
-जानवर से इंसान में फैलती है ये बीमारी।
-जिन लोगों के शरीर में चखते का कारण पता नहीं चले, उसकी तुरंत जांच कराएं।
-अफ्रीकी देशों से आनेवाले लोगों की जांच कराएं।
-इस बीमारी के कारण सिरदर्द भी होता है।
-मासंपेशियों में दर्द हो सकता है।
-पीठ व जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।
-अक्सर थकान महसूस होना कमजोरी लगना।
-त्वचा पर लाल चखते बन जाना।
-जानवर से इंसान में फैलती है ये बीमारी।
-जिन लोगों के शरीर में चखते का कारण पता नहीं चले, उसकी तुरंत जांच कराएं।
-अफ्रीकी देशों से आनेवाले लोगों की जांच कराएं।
-इस बीमारी के कारण सिरदर्द भी होता है।
-मासंपेशियों में दर्द हो सकता है।
-पीठ व जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।
-अक्सर थकान महसूस होना कमजोरी लगना।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।