scriptअगर गर्दन की मांसपेशियों में रहता दर्द और अकड़न तो करें ये योगासन | If you have pain and stiffness in the neck muscles then do this yoga | Patrika News

अगर गर्दन की मांसपेशियों में रहता दर्द और अकड़न तो करें ये योगासन

locationजयपुरPublished: Jul 23, 2019 05:53:12 pm

कुछ लोगों को अक्सर सुबह उठते ही गर्दन में अकड़न व दर्द की समस्या रहती है। इसका मुख्य कारण गर्दन की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आना है।

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कुछ लोगों को अक्सर सुबह उठते ही गर्दन में अकड़न व दर्द की समस्या रहती है। इसका मुख्य कारण गर्दन की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आना है।

कुछ लोगों को अक्सर सुबह उठते ही गर्दन में अकड़न व दर्द की समस्या रहती है। इसका मुख्य कारण गर्दन की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव आना है। लेकिन उठने-बैठने का गलत तरीका या सोने की गलत पोजीशन से भी गर्दन में परेशानी बढ़ जाती है। जानें कुछ सूक्ष्म आसन के बारे में-

दाएं-बाएं गर्दन झुकाना: गर्दन को दाएं-बाएं झुकाने से दिमागी बैलेंस बना रहता है।
ऐसे करें: सीधे खड़े होकर या घुटनों और एड़ी के बल बैठ जाएं। इस दौरान दोनों पंजे एक तरफ और कूल्हे दूसरी तरफ जमीन पर टिके होंगे। दोनों अवस्था में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। गर्दन को पहले दाईं तरफ झुकाएं। कुछ समय इस स्थिति में बने रहने के बाद गर्दन को बाईं ओर झुका लें। गर्दन को कुछ समय के लिए दाएं-बाएं झुकाएं। सांस लेने व छोड़ने की प्रक्रिया इस दौरान जारी रखें। एक समय में 5-6 बार इसे दोहराया जा सकता है।
ध्यान रखें: जिन्हें पीठ में दर्द या अकड़न की समस्या है वे इसे न करें।

शशांकासन : इस योग को करने के दौरान रीढ़ की हड्डी से लेकर गर्दन के चारों तरफ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है जिससे दर्द कम होता है।
ऐसे करें: वज्रासन की मुद्रा में बैठकर एड़ियों पर कूल्हे टिकाएं। धीरे-धीरे सांस लेते हुए हाथों को ऊपर लाएं। सांस छोड़ते हुए हाथों को बिना मोड़े आगे तब तक झुकें जब तक सिर जमीन को न छुए। हाथ-कोहनियों का स्पर्श जमीन से हो। कुछ समय बाद प्रारंभिक अवस्था में आएं।

गर्दन को गोल घुमाना: इससे गर्दन से जुड़ी सूक्ष्म मांसपेशियों का अभ्यास होगा जिससे अकड़न व दर्द में राहत मिलेगी।
ऐसे करें: सीधे खड़े होकर या वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। गर्दन को पहले पीछे से आगे व आगे से पीछे ले जाएं। फिर दाएं से बाएं व बाएं से दाएं ले जाएं। इसी के बाद गर्दन को 3-4 बार धीरे-धीरे गोल घुमाएं। इस दौरान सामान्य सांस लेते व छोड़ते रहें। कुछ समय इस अवस्था में रुककर प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
ध्यान रखें: स्पॉन्डिलाइसिस की दिक्कत या जिन्हें रीढ़ की हड्डी में परेशानी है वे इसे करने से बचें।

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