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केमिकल से बनाएं दूरी, हर्बल-रीठा से बढ़ाएं बालों की खूबसूरती

Reetha Benefits for Hair: बदलते समय के साथ जीवनशैली में परिवर्तन से कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। दैनिक जीवन में केमिकल का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। केमिकल वाले साबुन व शैम्पू का प्रयोग किए बगैर हम नहीं रह सकते हैं। इससे बालों व स्किन, दोनों को नुकसान होता है।

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जयपुर

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Jyoti Kumar

Aug 02, 2023

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Reetha Benefits for Hair: बदलते समय के साथ जीवनशैली में परिवर्तन से कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। दैनिक जीवन में केमिकल का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। केमिकल वाले साबुन व शैम्पू का प्रयोग किए बगैर हम नहीं रह सकते हैं। इससे बालों व स्किन, दोनों को नुकसान होता है।

जितना ज्यादा झाग, उतना ही केमिकल

असमय बाल सफेद होना, स्केल्प का नेचुरल ऑयल बरकरार न रहना, बालों की चमक गायब होना केमिकल शैम्पू के साइड इफेक्ट हैं। शैम्पू यदि ज्यादा झाग देता है, उसमें केमिकल भी ज्यादा होते हैं।

कब लगाएं शैम्पू
दस दिन में एक बार या माह में दो बार ही शैम्पू का उपयोग करें। अगर केमिकलयुक्त शैम्पू प्रयोग करना है तो रूखे बालों पर तो बिल्कुल न करें, बल्कि तेल लगाने के बाद अगले दिन शैम्पू करें।

ऐसे लगाएं ऑयल
सप्ताह में एक बार बालों में तेल लगाएं। रात में तेल लगाएं और सुबह धो लें। इसके लिए आधा-आधा चम्मच तेल लेकर बालों की जड़ों में लगाएं। इससे चिपचिपापन नहीं होगा। इसमें ऑलिव ऑयल और बादाम का तेल भी लगा सकते हैं।

बालों की अच्छी ग्रोथ करनी है तो...

बादाम का तेल, ज्योतिष्मती का तेल, व्हीट जर्म ऑयल आदि लगाने चाहिए। आयुर्वेद में बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए एक बेहद असरकारक तेल है प्रपौण्डिरीक आदि तेल, जो कमल से बनाया जाता है। खाने में बादाम, काजू, नारियल, स्प्राउट आदि का सेवन भी बालों की ग्रोथ के लिए अच्छा है।

ये हो सकते हैं शैम्पू के प्राकृतिक विकल्प
आंवला, रीठा, शिकाकाई, मेथी दाना मिलाकर लगा बालों में लगाएं। रूखापन दूर करने के लिए इसमें थोड़े अलसी के बीज मिलाएं। इन्हें रातभर भिगोकर सुबह उबाल लें और छानकर बोतल में भरकर रख दें। यह नेचुरल शैम्पू है। बाल रंगने के लिए डाई या कलर के बजाय हीना का इस्तेमाल करें। आयुर्वेदानुसार, इंडिगो (नीलीभृंगादि ) भी लगा सकते हैं। स्किन के लिए साबुन की जगह मुल्तानी मिट्टी, चंदन, मंजिष्ठा आदि का पैक बनाकर रखें।

...बाल जल्दी सफेद न हों

इसके लिए मेथी, आंवला, एलोवेरा, जैसमीन, गुड़हल का पाउडर बनाकर स्केल्प पर लगाएं। अगर आपकी स्केल्प बहुत ज्यादा रूखी है तो आप इनका पेस्ट, दूध या दही में मिलाकर लगा सकते हैं। अगर ऑयली है तो मुल्तानी मिट्टी मिला सकते हैं या बेसन का उपयोग भी कर सकते हैं।

आंतरिक मजबूती के लिए आयरन डाइट

पोषक तत्त्वों से युक्त आहार का सेवन भी करना चाहिए। इसमें कैल्शियम व आयरन भरपूर होने चाहिए। इसके लिए डेयरी प्रोडक्ट, चुकंदर, हरी सब्जियां, साग आदि भरपूर मात्रा में लें।
डॉ. दीप्ति भाकुनी आयुर्वेद विशेषज्ञ