scriptज्यादा पुराना दर्द हो सकता है घातक, जानें ये खास बातें | know about chronic pain | Patrika News

ज्यादा पुराना दर्द हो सकता है घातक, जानें ये खास बातें

locationजयपुरPublished: Mar 07, 2019 02:59:24 pm

जो दर्द महीनों बाद भी पीछा न छोड़े वह क्रॉनिक पेन है। ऐसा दर्द धीमा या तेज हो सकता है

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अमरीकी नेशनल अकादमी, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिन के अनुसार मधुमेह, हृदयरोग और कैंसर से ज्यादा लोग क्रॉनिक दर्द (लंबे समय तक रहने वाला) से परेशान हैं। दिक्कत है कि लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते और दर्द निवारक दवा व बाम लगाकर सोचते हैं कि दर्द घट जाएगा। इन उपचारों से फौरी राहत तो मिलती है लेकिन यदि दर्द उम्र बढ़नें के साथ असाध्य हो जाए तो परिणाम घातक हो सकते हैं।

क्या है क्रॉनिक पेन : जो दर्द महीनों बाद भी पीछा न छोड़े वह क्रॉनिक पेन है। ऐसा दर्द धीमा या तेज हो सकता है। जिसमें पीठदर्द, सिरदर्द (माइग्रेन सहित), जॉइंट के पास मांसपेशियों व ऊत्तकों में दर्द (फाइब्रो-मयाल्जिया) और वेरीकोज वेंस जैसे कारपल टन्नल सिंड्रोम शामिल हैं।

कारण : दुर्घटना, संक्रमण, कैंसर, आर्थराइटिस इन्फेक्शन व तनाव।
दुष्परिणाम : क्रॉनिक पेन से अवसाद, उदासी, अनिद्रा, भोजन के प्रति अरुचि जैसे भाव घेर लेते हैं। क्रॉनिक पेन से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे कैंसर तक हो सकता है।
इसलिए एक माह से अधिक समय से हो रहे दर्द को किसी भी स्थिति में टाले नहीं और फौरन विशेषज्ञ की सलाह से उचित इलाज शुरू करें।

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