
Know how beneficial meditation is for health
हमारे शरीर, मन और आत्मा को एक-दूसरे से जोडऩे के लिए मेडिटेशन यानी ध्यान बेहद जरूरी है। मेडिटेशन से मस्तिष्क में मौजूद सभी प्रमुख ग्रंथियां अपना काम सुचारू रूप से करती हैं और हार्मोंस उचित मात्रा में स्रावित होते हैं जिससे रोग हमें प्रभावित नहीं कर पाते। जब हम ध्यान की मुद्रा में होते हैं तो मस्तिष्क में अल्फा तरंगों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं। इन तरंगों का अधिक मात्रा में होना इस बात का परिचायक है कि हमारा मस्तिष्क शांत व स्वस्थ है।
लाभ : मेडिटेशन के दौरान गहरी सांस लेने से ऑक्सीजन से भरपूर रक्त शरीर में प्रवाहित होता है।
उदासी व तनाव दूर होते हैं और व्यक्ति की उम्र लंबी होती है।
ध्यान करने से सकारात्मक सोच व ऊर्जा बढ़ती है और चिड़चिड़ापन व उत्तेजना जैसे भाव दूर होते हैं।
ईड़ा, पिंघला और सुसुमना, सांस संबंधी नाडिय़ां संतुलित होती हैं जिससे श्वास पर नियंत्रण करना आसान हो जाता है।
मेडिटेशन, सात्विक भोजन और सामान्य व्यायाम के माध्यम से थायरॉइड, रूमेटॉयड आर्थराइटिस और अस्थमा जैसे रोगों पर नियंत्रण किया जा सकता है।
ऐसे करें-
मेडिटेशन दो मिनट से दो घंटे तक किया जा सकता है लेकिन यह व्यक्तिके मस्तिष्क व शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है। शरीर, मन व आत्मा के तालमेल के लिए आंखें बंद करके ध्यान करना चाहिए। यह दिमाग के लिए खुराक का काम करता है।
सुबह चार बजे से सूर्योदय तक और सूर्यास्त के बाद दो घंटे तक मेडिटेशन किया जा सकता है। उस समय वातावरण शुद्ध होता है और साफ वायु होने से ध्यान का लाभ ज्यादा होता है।
ध्यान हमेशा खाली पेट ही करना चाहिए। शाम के समय मेडिटेशन तभी करें जब खाना खाए हुए दो से तीन घंटे बीत चुके हों।
इसे हमेशा शांत माहौल में समतल सतह पर करना चाहिए। घुटनों की तकलीफ वाले कुर्सी पर बैठकर भी ध्यान कर सकते हैं। इसका अभ्यास कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
मेडिटेशन करने से हमारे दिमाग के दोनों हिस्से (हेमिस्फेयर) संतुलित रहते हैं। जिससे शरीर अपना काम बिना किसी अवरोध के कर पाता है।
Published on:
21 Sept 2020 11:14 pm
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