कारण : अधिक मेहनत करने या भारी वजन उठाने से यह समस्या होती है। खराब जीवनशैली व खानपान, उठने-बैठने के गलत मुद्रा से भी दर्द हो सकता है।
लक्षण: मरीज को सबसे पहले कूल्हे में दर्द होता है और फिर धीरे-धीरे यह दर्द नसों से होते हुए दोनों पैरों में बढ़ता है। इससे उठने-बैठने व चलने-फिरने में दिक्कत होती है।
इलाज: साइटिका का दर्द ज्यादा होने पर स्टेरॉइड दवाएं दी जाती हैं। दर्द असहनीय होने की स्थिति में दवा को इंजेक्शन के जरिए कमर में पहुंचाते हैं। साथ ही एक्सरसाइज व फिजियोथैरेपी की सलाह देते हैं। फिर भी दर्द बना रहे तो सर्जरी की जाती है। इस दर्द में कुछ योगासन आराम पहुंचाते हैं जैसे भुजंगासन, वायुमुद्रा, मकरासन, मत्स्यासन, क्रीड़ासन और वज्रासन।
ध्यान रखें: भारी सामान न उठाएं, वेस्टर्न टॉयलेट का प्रयोग करें, हाई हील न पहनें, अधिक दर्द होने पर शरीर को आराम दें, प्रभावित हिस्से की सिकाई करें, मुलायम गद्दे पर न सोएं।