40 वर्ष के बाद हड्डियों की कमजोरी सामान्य प्रक्रिया –
शारीरिक संरचना व उम्र अनुसार हड्डियों का विकास 40 वर्ष की उम्र के बाद बंद हो जाता है जिससे ये कमजोर होने लगती हैं। इस दौरान इस रोग की शुरुआत होती है। महिलाओं में 50 वर्ष की उम्र यानी मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी और पुरुषों में 60-70 वर्ष की उम्र के दौरान हड्डियों में कैल्शियम का घटता है। इस हार्मोन से हड्डियां मजबूत होती हैं। पुरुषों की बजाय महिलाओं में रोग की आशंका दोगुनी है।
कारण –
समय पूर्व मेनोपॉज –
इस रोग के लिए विटामिन-डी, कैल्शियम व प्रोटीन की कमी, बढ़ती उम्र, फिजिकली एक्टिव न होना, आनुवांशिकता, धूम्रपान, डायबिटीज, थायरॉइड और महिलाओं में जल्दी मेनोपॉज जिम्मेदार हैं।
इलाज –
दवाएं और व्यायाम-
मेडिकल ट्रीटमेंट के तहत कैल्शियम-विटामिन-डी की दवाएं, इंजेक्शन व सर्जरी करते हैं। नॉन-मेडिकल में हड्डियों को मजबूत करने वाले व्यायाम व कैल्शियम व प्रोटीन डाइट लेने की सलाह देते हैं।
धीमी गति से करता हमला –
यह रोग धीरे-धीरे हड्डियों को जकड़ता है। कमर के निचले हिस्से व गर्दन में दर्द या सर्दियों में दर्द का बढ़ना और शारीरिक सक्रियता में कमी दिखे तो अलगंभीर स्थिति में हड्डियों के बोन मास और टिश्यू का क्षरण होने लगता है जिससे कलाई, रीढ़ व पैरों की हड्डियों में फ्रैक्चर बढ़ते हैं।