
Meditation prevents diseases
कई शोधों में स्पष्ट हो चुका है कि विद्युत और ध्वनि तरंगों से मस्तिष्क के अंदर प्लेक्स बनते है जिनके कारण अल्जाइमर और ब्रेन से जुड़ी बीमारियां होती हैं। अगर कोई नियमित ध्यान लगाता है तो इन बीमारियों से बचाव हो सकता है। ध्यान लगाने से मस्तिष्क में गामा तरंगें उठती हैं और प्लेक्स को घटाने का काम करती हैं। दिमाग में प्रोटीन के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जिन्हें एमिलॉइड कहते हैं। इनसे ही प्लेक्स बनते हैं जो न्यूरोन्स को प्रभावित कर याद्दाश्त घटाते हैं।
मस्तिष्क में स्मरण वाले हिस्से को हिप्पोकैम्पस कहते हैं। यहीं से सकारात्मक और नकारात्मक भाव उत्पन्न होते हैं। अगर कोई नियमित ऊं शब्द का उच्चारण करे तो इसका लाभ मिलता है। आयुर्वेद के अनुसार अगर अच्छी जीवनशैली को अपनाया जाए तो तन-मन दोनों ही स्वस्थ रहते हैं। इनमें रात्रि भोजन निषेध, व्रत, उपवास, सामायिक (एक घंटे का मौन), प्रतिक्रमण (आत्मा की ओर लौटना), यौगिक क्रियाएं और विधि विधान से पूर्जा-अर्चना शामिल है। यही स्वस्थ शरीर और खुशहाल जीवन का मूल मंत्र भी है। लेकिन हम अपनी पारंपरिक चीजें छोड़कर गलत परंपरा अपना रहे हैं जिनसे बीमारियां बढ़ रही हैं। खुशी व संतुष्टि के लिए जो रसायन जिम्मेदार हैं उनमें एंडोर्फिन्स, डोपामाइन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन आदि हैं। अगर नियमित व्यायाम करते और खुलकर हंसते हैं तो शरीर में एंडोर्फिन्स का स्राव होता है। वहीं प्रशंसा सुनकर और कुछ इच्छित चीजें पाने से डोपामाइन, समाज और प्रकृति के लिए कुछ करने से सेरोटोनिन और स्नेह व स्पर्श से ऑक्सीटोसिन का लेवल बढ़ता है। लेकिन हम जिस परंपरा को अपना रहे हैं उससे केवल तनाव बढ़ रहा है और इससे निकलने वाले नुकसानदायक हार्मोन शरीर और मन दोनों को बीमार बना रहे हैं। अगर नियमित योग-ध्यान किया जाए तो इन समस्याओं को होने से बहुत हद तक रोक सकते हैं।
हमें अपने लिए रोजाना करीब एक घंटे का समय निकालना चाहिए। व्यायाम, योग और ध्यान को दिनचर्या का हिस्सा बनाने से शरीर स्वस्थ रहता है।
Published on:
17 Nov 2019 07:03 pm
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