अध्ययन के अनुसार, इसमें जीवनशैली के उन बदलावाें पर ध्यान दिया गया है जाे मेनोपॉज के लक्षणों को रोकने में सहायक हाें। हालांकि, हार्मोन थेरेपी काे रजोनिवृत्ति के लक्षणों कम करने में कारगर माना गया है। इसके बजाय नॉनफार्माकोलॉजिकल उपचार विकल्पों की खोज जारी है, विशेष रूप उन महिलाओं के लिए जो स्वाथ्य कारणों की वजह से हार्मोन थेरेपी नहीं ले सकती हैं।
द नॉर्थ अमेरिकन मेनोपॉज सोसाइटी (एनएएमएस), अमरीका के शोधकर्ता स्टेफनी फॉबैन ने कहा, “यह छोटा-सा अध्ययन मेनोपॉज के लक्षणों पर फल और सब्जी के सेवन के असर के बारे में शुरूआती सबूत देता है।
पिछले अध्ययनों ने सुझाव दिया था कि फलों और मेडिटेरियन डाइट का सेवन रजोनिवृत्ति की शिकायतों में कमी कर सकता है। इसे एक कदम आगे बढ़ाते हुए, नए अध्ययन में पाया गया कि ‘दिन में एक सेब खाने से रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर रखा जा सकता है।
हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि कई फलों और सब्जियों का सेवन रजोनिवृत्ति के लक्षणों काे बढ़ा सकता है। अध्ययन में सामने आया कि कई अन्य प्रकार के फलों (जैसे खट्टे फल) और सब्जियों का अधिक सेवन मूत्रजननांगी समस्याओं से जुड़ा था।
फौबिन ने कहा कि इस बात काे सब जानते हैं कि फलों और सब्जियों का भरपूर सेवन कई तरह से सेहतमंद होता है। लेकिन मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में यह आहार कितना मददगार है, इसके लिए अभी और शोध करने की जरूरत है।