विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी पॉक्स से संक्रमित जानवरों के काटने से संक्रमण फैल सकता है। यह संक्रमित जानवरों के रक्त, बाल, प्लाज्मा से भी फैल सकता है। संक्रमित जानवर के मांस को सही तरीके से न पकाए जाने पर भी मंकी पॉक्स से संक्रमित होने की आशंका रहती है। उनका यह भी कहना है कि मंकी पॉक्स संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर, तौलिये से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
दानों को देखकर करें अंतर
मंकीपॉक्स स्मॉल पॉक्स, चिकनगुनिया, डेंगू के बीच आया है और खास बात ये है कि इन सभी के शुरुआती लक्षण बदन में दर्द, तेज बुखार, थकान और दाने निकलने जैसे ही नजर आते हैं। हालांकि मंकीपॉक्स में दाने बुखार आने के 5 से 21 दिन के भीतर कभी भी आ सकते हैं और ये चेहरे के साथ हथेली और पैर के तलवे तक में नजर आते हैं। कुछ मामलों में जनानांग में भी निकल जाते हैं। पानी वाले ये दाने दर्द भी देते हैं।
मंकीपॉक्स स्मॉल पॉक्स, चिकनगुनिया, डेंगू के बीच आया है और खास बात ये है कि इन सभी के शुरुआती लक्षण बदन में दर्द, तेज बुखार, थकान और दाने निकलने जैसे ही नजर आते हैं। हालांकि मंकीपॉक्स में दाने बुखार आने के 5 से 21 दिन के भीतर कभी भी आ सकते हैं और ये चेहरे के साथ हथेली और पैर के तलवे तक में नजर आते हैं। कुछ मामलों में जनानांग में भी निकल जाते हैं। पानी वाले ये दाने दर्द भी देते हैं।
कैसे करें बचाव
मंकीपॉक्स के मरीज को आइसोलेट कर के रखें और जब भी उसके पास जाएं मास्क पहनें। उसके कपड़े अन्य कपड़ों से अलग धुलें और एंटीसेप्टिक लिक्विड का यूज जरूर करें। मास्क लगाकर ही उसके कपड़ों को धुलें। साथ ही जब भी आप मरीज के संपर्क में आएं अपने कपड़े जरूर हटा दें और नहा लें। ताकि मरीज के सूखे दाने की पपड़ियां या स्लाइवा आदि आपके संपर्क में न आ सके।
मंकीपॉक्स के मरीज को आइसोलेट कर के रखें और जब भी उसके पास जाएं मास्क पहनें। उसके कपड़े अन्य कपड़ों से अलग धुलें और एंटीसेप्टिक लिक्विड का यूज जरूर करें। मास्क लगाकर ही उसके कपड़ों को धुलें। साथ ही जब भी आप मरीज के संपर्क में आएं अपने कपड़े जरूर हटा दें और नहा लें। ताकि मरीज के सूखे दाने की पपड़ियां या स्लाइवा आदि आपके संपर्क में न आ सके।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।