
Myopathy: मायोपैथी में जन्म से ही कमजोर होती मांसपेशियां
Myopathy In Hindi: बच्चों में जन्मजात होने वाली कई विकलांगता के कारणों में बड़ा कारण है 'पेशी विकृति' यानी मायोपैथी। यह मांसपेशियों की बीमारी है, इसका तंत्रिका तंत्र से कोई संबंध नहीं होता। लगातार मांसपेशियों में कमजोरी के कारण इनकी कार्यक्षमता इतनी अधिक प्रभावित होती है कि बच्चे को उठने, बैठने और चलने फिरने मेंं दिक्कत होती है।
कई हैं कारण ( Myopathy Causes )
पेशी विकृति के विभिन्न कारणों में मुख्य कारण आनुवंशिकता होता है, जिनके पेरेंट्स में यह रोग होता है उनमें इसकी आशंका अधिक रहती है। दूसरे कारणों में हार्मोन्स का असंतुलन होना है। इनसे मांसपेशियों की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ता है। जिसमें प्रमुख थायरॉयड ग्रंथि में असंतुलन है। तीसरे कारण में मांसपेशियों के ऊतकों में सूजन होने के कारण मसल्स की कार्यप्रणाली पर असर होता है। यह रोग पहले जोड़ों की मांसपेशियों को प्रभावित करता है फिर कूल्हे, कंधे के साथ अन्य मांसपेशियां प्रभावित होने लगती हैं। इस कारण बच्चे के शरीर का संतुलन और चलना-फिरना व बैठना बाधित होता है।
मांसपेशियों की कमजोरी
खराब जीन्स के कारण मसल्स में बनने वाला प्रोटीन नहीं बन पाता और इससे धीरे-धीरे कमजोरी आने लगती है। इस कारण मांसपेशियों की कार्यप्रणाली धीमी होने से बच्चे में पूर्ण रूप से अपंगता का खतरा बढ़ जाता है। अधिक गंभीर स्थिति में बच्चे को व्हील चेयर पर जिंदगी गुजारनी पड़ सकती है। इस अवस्था को मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी कहते हैं।
रोग की पहचान ( Myopathy Symptoms )
ब्लडटैस्ट के दौरान ब्लड में विशेष एंजाइम्स की जांच कर रोग की पहचान करते हैं। मांसपेशियों का अध्ययन करके शुरुआत में ही इसकी कमजोरी का पता लगा सकते हैं। कुछ मामलों में मांसपेशियों के ऊतकों की बायोप्सी जांच भी करते हैं।
इलाज ( Myopathy Treatment )
इस रोग का फिलहाल कोई निश्चित उपचार नहीं है। लगातार मांसपेशियों की कसरत और विटामिन्स देकर कुछ हद तक हालत में सुधार लाया जा सकता है। इलाज मरीज की स्थिति और मायोपेथी के प्रकार पर निर्भर करता है।
Published on:
13 Oct 2019 02:35 pm
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