
,,Peripheral artery disease
ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज की समस्या होती है। में पैरों तक खून ले जाने वाली धमनियां ब्लॉकेज से सिकुड़ जाती हैं तो पेरीफेरल आर्टेरियल डिजीज की समस्या होती है और पैरों को ब्लड सप्लाई कम होने के कारण इससे थोड़ा सा चलने पर पैरों में दर्द होने लगता है। जब ब्लड वेसल्स में थक्का जम जाता है तो बैठे हुए भी पैर में दर्द होता है। जब इन ब्लड वेसल्स में कोलेस्ट्रॉल का जमाव ज्यादा होता है तो पैरों में रक्त प्रवाह बंद हो जाता है। ऐसे में पैर का वो हिस्सा सिकुड़ जाता है। काला हो जाता है। इसे गैंग्रीन कहते हैं (पैरों में ब्लॉकेज की थ्रोम्बोसिस समस्या भी होती है जो दूषित रक्त के प्रवाह से जुड़ी शिराओं में होती है)। इसमें इन्फेक्शन से मरीज को सेप्टीसीमिया भी हो सकता है। इससे बचने के लिए पैर के उस हिस्से को काटकर अलग करना पड़ता है। इससे हृदय पर भी बुरा असर पड़ता है।
लक्षण-
इसमें कूल्हे, जांघ या पिंडली में दर्द होता है। पैरों का सुन्न होना, कमजोरी, पैर में बाल कम होना, उनका रंग बदलना, स्किन चिकनी होना, नाखून की ग्रोथ व पैर की पल्सेशन कम होना एवं पैर में घाव आसानी से नहीं भरता है।
रोकथाम व उपचार-
स्मोकिंग, जंकफूड, तली-भुनी चीजें, ट्रांस फैट का सेवन कम करें। नियमित व्यायाम करें। पैरों को चलाते रहें। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर व ब्लड कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रखें। होना चाहिए।
उपचार-
इनमें ब्लॉकेज होने पर एंजियोप्लास्टी से बंद नसों को खोला जाता है। यदि एंजियोप्लास्टी नहीं हो सकती तो बाइपास सर्जरी की जाती है।
Published on:
30 Oct 2020 08:31 pm
बड़ी खबरें
View Allरोग और उपचार
स्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
