
वल्र्ड डायजेस्टिव डे 29 मई को मनाया जाता है। आयुर्वेद की मानें तो अधिकतर बीमारियों की वजह खराब पाचन व दिनचर्या है। जानते हैं इसे कैसे ठीक रखें। डाइट समय से लें और जो पसंद नहीं आए उसे नहीं खाना चाहिए। खाते समय पानी न पीएं। एक-दो घूंट पी सकते हैं। इससे मेटाबॉलिज्म घटता है। खाने के 30 मिनट बाद पानी पीएं।
संभव हो तो हर मील के बाद वज्रासन जरूर करें। अगर नहीं कर पा रहे हैं तो 5 मिनट का वॉक करें। रोज 5,000 कदम चलें। आयुर्वेद में विरूद्ध आहार की बात की गई है जैसे गर्म चीजों के साथ ठंडी और तीखी के साथ मीठी चीजें खाने से बचें। कच्ची चीजें न खाएं। सलाद में खीरा और टमाटर एक साथ न खाएं।
गर्मी में खाने के बाद काला नमक और जीरे वाली छाछ पी सकते हैं। पाचन ठीक रहता है। कोई नशा न करें। इससे पाचन में समस्या होती है। इसी तरह पर्याप्त नींद भी जरूरी है। डाइट में फाइबर वाली चीजें ज्यादा लें। भोजन को अच्छे से चबाकर खाएं। जल्दबाजी में न खाएं। इससे भी अपच हो सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
09 Sept 2023 07:02 pm
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