
portal hypertension causes symptoms and treatment
लंंबे समय से अल्कोहल लेने वालों, नसों में खून का थक्का बनने, हेपेटाइटिस बी, सी के मरीजों और नसों के सिकुडऩे के कारण पोर्टल हाइपरटेंशन की दिक्कत होती है। इससे मरीज के पेट में पानी भरना, खून की उल्टियां होना प्रमुख लक्षण हैं। मरीज को बवासीर भी हो जाती है।
पोर्टल हाइपरटेंशन क्या है?
आंतों से अशुद्ध खून लिवर तक ले जाने वाली रक्त वाहिनियों में खून का प्रेशर बढ़ने से पोर्टल हाइपरटेंशन होता है।
क्या इसका इलाज संभव है?
हां, पोर्टल हाइपरटेंशन के लिए छोटा सा ऑपरेशन 'शंट' किया जाता है। जब लिवर तक खून ले जाने वाली रक्त वाहिनियों में खून का दबाव बढ़ जाता है तो इनको शरीर की अन्य रक्त वाहिनियों से जोड़ देते हैं। इससे आंतों से आने वाला खून लिवर में नहीं जाता है। उस पर पड़ रहा दबाव भी कम हो जाता है।
किसी भी मरीज की सर्जरी की जा सकती है?
नहीं, इस सर्जरी के लिए जरूरी है कि मरीज का लिवर काम कर रहा हो, जिनका लिवर सही काम नहीं कर रहा, उनका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। उनका लिवर प्रत्यारोपण ही विकल्प है।
क्या ऑपरेशन कराना जरूरी है, इलाज का दूसरा विकल्प क्या है?
ये मरीज की बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है। जरूरी जांच व बीमारी की हिस्ट्री देखकर तय किया जाता है। सामान्यत: दवाओं से इलाज होता है। आराम न मिलने पर एंडोस्कोपी या ऑपरेशन विकल्प है। एंडोस्कोपी करने के बाद अधिकांश केस में दो-तीन साल बाद दोबारा दिक्कत शुरू हो जाती है। ऑपरेशन बेहतर विकल्प है।
ऑपरेशन के बाद क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
ऑपरेशन के 8-10 दिन बाद तक मरीज को आराम की सलाह दी जाती है। इसके बाद वो अपने दैनिक कार्य कर सकता है। तली-भुनी चीजें व शराब बिलकुल न लें।
ऑपरेशन बाद कौनसी जांचें जरूरी?
डॉक्टर के बताए समय पर दिखाते रहें। छह माह के बाद जरूरत के हिसाब से जांचें कराई जाती हैं।
Published on:
14 Nov 2019 05:51 pm
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