27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अधिक मोटापे से हो सकती है ये समस्या

मोटापे के कारण किडनी में फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरूलोस्क्लेरोसिस (एफएसजीएस) बढ़ जाता है जिससे नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होता है।

less than 1 minute read
Google source verification
kidney

kidney

किडनी को पहुंच सकता है नुकसान
मोटापा केवल डायबिटीज और हाइपर टेंशन का कारण ही नहीं बनता बल्कि किडनी को भी नुकसान पहुंचाता है। इससे किडनी में फोकल सेगमेंटल ग्लोमेरूलोस्क्लेरोसिस (एफएसजीएस) बढ़ जाता है जिससे नेफ्रोटिक सिंड्रोम रोग होता है। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर होने की स्थिति में क्रॉॅनिक किडनी डिजीज की आशंका रहती है जिसमें किडनी फेल हो सकती है।
जब बढ़ता है खतरा
किडनी में छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जो फिल्टर का काम करते हैं। एफएसजीएस बढऩे से इन छिद्रों का आकार बढ़ जाता है। ऐसे में फिल्टर का काम ठीक से नहीं होता और शरीर के अन्य हिस्सों में जाने वाला प्रोटीन यूरिन से बाहर निकल जाता है।
इन्हें है अधिक खतरा
अधिक वजन वाले लोग, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीज, मेडिकल हिस्ट्री व धूम्रपान करने वाले लोगों को इसका खतरा अधिक रहता है।
जरूरी जांचें
सबसे पहले विशेषज्ञ यूरिन की रुटीन जांच कराते हैं। जरूरत पडऩे पर किडनी फंक्शन टैस्ट और बायोप्सी भी करवाते हैं। इस रोग का इलाज दवाओं से संभव है लेकिन इसमें सालभर तक का समय लगता है।
लक्षण
शरीर में सूजन, भूख न लगना, यूरिन कम या न कर पाना आदि।
हैल्दी टिप्स
वजन नियंत्रित रखें, ज्यादा से ज्यादा पानी व तरल पदार्थ लें। नमक कम खाएं और खाने में ऊपर से न डालें। धूम्रपान और शराब से पूरी तरह तौबा करें। रोजाना वॉक, साइक्लिंग, योग और प्राणायाम करें।
डॉ. संजीव गुलाटी नेफ्रोलॉजिस्ट