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intimate health: एआई की मदद से बना दी इस संक्रमण की वैक्सीन, जानिए क्या है यह संक्रमण, जिससे बढ़ता है एचआईवी का खतरा

Gonorrhea causes and treatment: न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के एक व्यक्ति के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने हर साल दुनिया भर में 80 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित करने वाले यौन संचारित जीवाणु संक्रमण 'गोनोरिया' के लिए एटीबायोटिक-प्रतिरोधी टीके के प्रमुख तत्वों की पहचान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) का उपयोग किया है।

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जयपुर

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Jaya Sharma

Nov 03, 2023

 यह संक्रमण महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होता है

intimate health: एआई की मदद से बना दी इस संक्रमण की वैक्सीन, जानिए क्या है यह संक्रमण, जिससे बढ़ता है एचआईवी का खतरा

गोनोरिया एक यौन संचारित रोग (एसटीडी) है। यह संक्रमण महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक होता है। महिलाओं के साथ दिक्कत यह है कि उनमें इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। इसके लक्षण किसी अन्य रोग के भी हो सकते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक गोनोरिया लगभग सभी ज्ञात एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो गया है। इससे इलाज करना बेहद मुश्किल हो जाता है, लेकिन अगर इलाज न किया जाए, तो संक्रमण गंभीर या घातक जटिलताओं का कारण बन सकता है। इससे व्यक्ति में एचआईवी होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

क्या कहता है अध्ययन
एमबीओ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने गोनोरिया वैक्सीन के लिए उम्मीदवारों के रूप में दो आशाजनक एंटीजन की पहचान की सूचना दी। शोधकर्ताओं ने सुरक्षात्मक प्रोटीन की पहचान करने के लिए एफिकेसी डिस्क्रिमिनेटिव एजुकेटिड नेटवर्क या ईडीईएन नामक एआई मॉडल का उपयोग किया। उन्होंने स्कोर उत्पन्न करने के लिए ईडन का भी उपयोग किया, जिसने सटीक भविष्यवाणी की, कि एंटीजन संयोजन कितनी अच्छी तरह से गोनोरिया का कारण बनने वाले सूक्ष्म जीव निसेरिया गोनोरिया की रोगजनक बैक्टीरिया आबादी को कम कर देगा।

बैक्टीरिया को पहचानने और बचाव करने में मददगार
अध्ययन के लिए टीम ने बैक्टीरिया प्रोटीन के एक सेट की भविष्यवाणी करने के लिए निसेरिया गोनोरिया के 10 नैदानिक रूप से प्रासंगिक उपभेदों के प्रोटिओम पर एआई मॉडल लागू किया, जो एक टीके में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया को पहचानने और उनसे बचाव करने में मदद कर सकता है। टीम ने माउस मॉडल में वैक्सीन उम्मीदवारों का परीक्षण और सत्यापन किया। समूह ने पहले चूहों में दो या तीन एंटीजन के संयोजन का परीक्षण किया। अतिरिक्त प्रयोगों में प्रतिरक्षित चूहों को एन. गोनोरिया से संक्रमित किया गया और टीके से बैक्टीरिया का बोझ कम हो गया।