
Researchers Develop AI Program to Detect Lupus Nephritis
ल्यूपस नेफ्रैटिस का पता लगाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल किया जा सकता है। अमेरिका में इस बीमारी का पता लगाने के लिए AI का उपयोग करने पर शोध किया जा रहा है। इससे भविष्य में इस बीमारी का स्वचालित रूप से पता लगाया जा सकेगा।
सिस्टमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (SLE) एक ऐसी बीमारी है जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकती है। इसके सबसे गंभीर रूपों में से एक किडनी से जुड़ी समस्या है, जिसे ल्यूपस नेफ्रैटिस (LN) के रूप में जाना जाता है।
हालांकि LN का पता रक्त या मूत्र परीक्षणों के माध्यम से लगाया जा सकता है, लेकिन किडनी बायोप्सी को सबसे सटीक तरीका माना जाता है। हालांकि, पैथोलॉजिस्ट की व्याख्याओं में अंतर होने के कारण बायोप्सी रिपोर्ट की व्याख्या करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ग्लोबलडाटा नामक कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में AI का उपयोग करके LN के निदान को स्वचालित करने के शोध प्रयासों के बारे में बताया है।
सितंबर 2023 में, यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन (UH) क Cullen College of Engineering के दो फैकल्टी सदस्यों, डॉ. मोहन और डॉ. वैन गुयेन को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज (NIDDK) से LN के निदान में सहायता के लिए एक AI कार्यक्रम विकसित करने के लिए $3 मिलियन का अनुदान दिया गया था।
यह फंडिंग टीम को LN बायोप्सी स्लाइड्स को पढ़ने और वर्गीकृत करने के लिए एक "न्यूरल नेटवर्क" को प्रशिक्षित करने में सक्षम बनाती है।
विशेष रूप से, शोध दल मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग करके हिस्टोपैथोलॉजी इमेजिंग डेटा के विश्लेषण के माध्यम से LN को वर्गीकृत करने के लिए एक समर्पित कंप्यूटर विज़न पाइपलाइन बनाने का इरादा रखता है।
दुनिया भर के विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञों सहित गुर्दे के पैथोलॉजिस्ट के साथ मिलकर सहयोग करते हुए, UH टीम का लक्ष्य LN के लिए एक कंप्यूटर-एडेड डायग्नोसिस सिस्टम स्थापित करना है, जो गुर्दे के पैथोलॉजिस्ट के समान नैदानिक निर्णय समर्थन प्रदान करता है।
AI का उपयोग LN क्षेत्र में पहले भी बीमारी के उपचार के प्रति प्रतिक्रियाओं का आकलन करने के लिए किया गया था।
2021 में, मेडिकल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना (MUSC) के शोधकर्ताओं की एक टीम ने LN से पीड़ित व्यक्तियों में उपचार प्रतिक्रियाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक अग्रणी ML एल्गोरिदम पेश किया। इस अभिनव मॉडल में एक वर्ष के भीतर रोगी के उपचार की प्रतिक्रिया की संभावना का पूर्वानुमान लगाने के लिए सात प्रमुख बीमारी संकेतकों को शामिल किया गया और इसने आशाजनक परिणाम दिखाए।
ग्लोबलडाटा की वरिष्ठ इम्यूनोलॉजी विश्लेषक स्रवणी मेका ने एक बयान में कहा, "जैसे-जैसे LN जैसी पुरानी बीमारियों का प्रसार बढ़ता है, वैसे ही स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर भी दबाव बढ़ता है। इम्यूनोसप्रेसिव उपचार (जैसे, संक्रमण, ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय वाहिका संबंधी (सीवी), और प्रजनन संबंधी समस्याएं) से जुड़े कई सह-रुग्णताओं के कारण, LN रोगियों को अक्सर अन्य स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है ।
हालांकि, यह तकनीक अभी शुरुआती दौर में है और इसे इस्तेमाल करने में अभी वक्त लगेगा। लेकिन भविष्य में इससे बीमारी का जल्दी पता लगाकर लोगों की जान बचाई जा सकती है।
Updated on:
08 Feb 2024 03:23 pm
Published on:
08 Feb 2024 03:22 pm
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