5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rubella Virus in Hindi: रुबेला के डर से तुर्की ने वापस भेजा हजारों टन गेहूं, जानें कितना खतरनाक है ये वायरस, इसके लक्षण और निदान

Rubella Virus Causes Symptoms Treatment in hindi: : तुर्की ने भारत से निर्यात की गई गेहूं की कई खेप यह कहकर लौटा दी कि उसमें रूबेला वायरस है। ये रुबेला वायरस क्या है? इसके होने की वजह, खतरे और लक्षण क्या हैं, चलिए विस्तार से जानें।

2 min read
Google source verification

image

Ritu Singh

Jun 03, 2022

rubella_virus_symptoms_treatment_causes_in_hindi_what_is_rubella_virus.jpg

Rubella Disease

कोरोना, मंकी पॉक्स, वेस्टनाइल वायस के बाद अब रुबेला वायरस का नाम सामने आने लगा है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा के जरिए दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। रूबेला वायरस को जर्मन खसरा भी कहा जाता है। रूबेला के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के दो से तीन सप्ताह के बीच दिखाई देते हैं। क्या है ये वायरस और इसके लक्षण और खतरे के बारे में, चलिए विस्तार से जानें।

रुबेला वायरस क्या है?
असल में रुबेला एक तरह का खसरा होता है, क्योंकि ये रुबेला वायरस से होता है इसलिए इसका नाम रुबेला है। इस वायस के चपेट में के बाद फ्लू और शरीर में चकत्ते उभरने की समस्या होती है। ये बीमारी 3-5 दिनों तक रहती है। ये एक से दूसरे में फैल सकती है।

रूबेला रोग के लक्षण क्या हैं?

1. रूबेला रोग के लक्षण में तेज बुखार, गले में संक्रमण और चेहरे के से शुरू होकर दाने शरीर में फैल जाते हैं। येलाल दाने चकत्ते की तरह नजर आते हैं।
2. बीमारी बढ़ने के साथ दिखते हैं ये लक्षण
3. बुखार के साथ सिर में तेज दर्द
4. आंख के सफेदी वाले हिस्से में रेडनेस आना या सूजन
5. इस वायरस अटैक में भी लिम्फ नोड्स सूज जाते हैं
6. लगतार आने वाली खांसी
7. नाक का बहना।

बीमारी कब होती है गंभीर
रूबेला एक हल्का संक्रमण है और ये बेहद गंभीर नहीं होता, इसलिए लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जाता है। अगर बीमारी ठीक होने के बाद भी उंगलियों, कलाई और घुटनों या अन्य जोड़ों में दर्द हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। ये रुबेला का लांग सिम्पटम होता है। कई बार ये वायरस कान में संक्रमण या मस्तिष्क की सूजन का कारण बन सकता है। गर्भवती से भ्रूण में भी ये वायरस जा सकता है।

रूबेला संक्रमण से बचने के उपाय
रूबेला वायरस का टीका उपलब्ध है। एमएमआर टीके नाम से भी इसे जाना जाता है। बच्चों को 12 से 15 महीने की उम्र के बीच और फिर 4 से 6 साल की उम्र के बीच शॉट लेने की सलाह दी जाती है। एमएमआर वैक्सीन लोगों को जीवन भर रूबेला रोग से बचाने में सक्षम है।