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स्क्रब टायफस: शरीर पर छोड़ता है पपड़ीनुमा काला निशान

locationजयपुरPublished: Jun 03, 2019 10:51:19 am

Submitted by:

Jitendra Rangey

पिस्सुओं के काटने से होने वाले इस रोग में भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटती है। इससे शरीर के कई अंगों में संक्रमण फैलने लगता है।

Scrub Typhus

Scrub Typhus

प्लेटलेट्स की संख्या घटती है
डेंगू के साथ स्क्रब टायफस के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। पिस्सुओं के काटने से होने वाले इस रोग में भी डेंगू की तरह प्लेटलेट्स की संख्या घटती है। इससे शरीर के कई अंगों में संक्रमण फैलने लगता है।
लक्षण : पिस्सू के काटने के 1-3 हफ्ते में मरीज को तेज बुखार, सिरदर्द, खांसी, मांसपेशियों में दर्द व शरीर में कमजोरी आने लगती है। पिस्सू के काटने वाली जगह पर फफोलेनुमा काली पपड़ी जैसा निशान (एस्चार मार्क) दिखता है। समय रहते इलाज न होने पर रोग गंभीर होकर निमोनिया का रूप ले लेता है। प्लेटलेट्स की संख्या भी कम होने लगती हैं।
इलाज : 7-14 दिन तक एंटीबायोटिक्स देते हैं।
सावधानी : निमोनिया बिगडऩे पर मरीज में ऑक्सीजन का स्तर भी असामान्य हो जाता है। साथ ही किडनी और लिवर में दिक्कत होने से मरीज बेहोश हो सकता है जिसके लिए समय पर इलाज जरूरी है।
होम्योपैथिक इलाज : ज्यादा पसीने के साथ यदि मरीज का शरीर ठंडा पड़ जाए तो मर्कसॉल दवा देते हैं।
विशेषकर शाम के समय सर्दी लगने, रात को पैर ठंडे पडऩे, पसीना ज्यादा आना, मन उदास रहने के अलावा यदि मरीज को आवाज या रोशनी सहन न हो तो फॉस्फोरस दवा दी जाती है।
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