कमजोर इम्युनिटी वालों को खतरा ज्यादा
पिस्सुओं के काटने का असर सबसे ज्यादा और तेज, कमजोर इम्युनिटी वालों पर होता है। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को दवाओं के बजाय संतुलित भोजन लें। खाने में ऐसी चीजें शामिल करें जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए।
7-14 दिनों तक दवाओं का कोर्स
इलाज के रूप में 7-14 दिनों तक दवाओं का कोर्स चलता है। मरीज को कम तला-भुना व लिक्विड डाइट दी जाती है। जिनके घर के पास रोग फैला है उन्हें हफ्ते में एक बार प्रिवेंटिव डोज देते हैं। इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती भी करते हैं।
ये लापरवाही न बरतें
1- घर के आसपास पानी इकट्ठा न होने दें। इनमें म’छरों के अलावा कई सूक्ष्म कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है।
2- पानी की टंकियों की सफाई नियमित तौर पर करें।
3- घर के आसपास घास या पेड़ पौधों की छंटनी करते रहें। ताकि इनके कारण कीड़े आदि की संख्या न बढ़ सके।
तुलसी, गिलोय लेने से फायदा
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी, गिलोय लें। कुमारी रस 5-10 एमएल सुबह-शाम लें। तेज बुखार में संजीवनी वटि या कस्तूरी भैरवरस देते हैं। सुदर्शन वटि की दो-दो गोली सुबह-शाम देते हैं। अमलतास का काढ़ा लक्षणों में कमी लाने में मददगार है।
होम्योपैथी से इलाज
लक्षणों के अलावा मरीज की स्थिति को देखते हुए दवाएं व उनकी डोज को तय करते हैं। इस रोग के लक्षणों को कम करने के लिए बेलेडोना, रस्टॉक्स, आर्सेनिक व ब्रायोनिया दवा देते हैं। इस बीमारी के लिए जीनस एपिडेमिकस दवा खासतौर पर दी जाती है।
एक्सपर्ट पैनल :
डॉ. विक्रमादित्य मीणा, फिजिशियन
डॉ. जागृति शर्मा, आयुर्वेद विशेषज्ञ
डॉ. हेमंत भारद्वाज, होम्योपैथिक विशेषज्ञ